
आगरा। आगरा के सेंट थॉमस स्कूल, सुनारी पर छात्रों से डोनेशन के नाम पर खाने-पीने का सामान मांगने का आरोप लगा है। अभिभावकों की संस्था प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स अवेयरनेस (PAPA) की शिकायत पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने इस मामले का संज्ञान लिया है और जांच के आदेश दिए हैं।
PAPA के राष्ट्रीय संयोजक दीपक सरीन ने शिकायत में बताया कि स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों के मोबाइल पर संदेश भेजकर बच्चों से पांच किलो आटा, दो किलो चावल, आधा किलो दाल और आधा लीटर तेल जैसी वस्तुएं जबरन मंगवाई हैं, जिसके लिए 4 सितंबर की तारीख भी दी गई है।
डोनेशन मांगना पूरी तरह से अवैध
शिकायत में कहा गया है कि स्कूल द्वारा इस तरह का डोनेशन मांगना न केवल अनैतिक है, बल्कि पूरी तरह से गैरकानूनी भी है। यह प्रथा कई शिक्षा नियमों का सीधा उल्लंघन करती है, जिनमें शामिल हैं:
- उत्तर प्रदेश शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 13 और 14: इस अधिनियम के तहत किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल को बच्चों से अतिरिक्त शुल्क या जबरन चंदा लेना प्रतिबंधित है।
- RTE Act 2009 की धारा 12: यह स्पष्ट करती है कि शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है, इसे किसी भी तरह के दान या अतिरिक्त दबाव से नहीं जोड़ा जा सकता।
- यूपी स्कूल फीस रेगुलेशन एक्ट 2018: इस नियमावली के अनुसार स्कूल केवल निर्धारित शुल्क ही ले सकते हैं, किसी भी प्रकार का डोनेशन या योगदान अवैध है।
- NCPCR के दिशा-निर्देश: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी स्कूलों द्वारा बच्चों और अभिभावकों से वस्तु या नकद दान लेने को बाल अधिकारों का उल्लंघन मानता है।

जांच के लिए टीम गठित
दीपक सरीन की शिकायत के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने खंड शिक्षा अधिकारी नगर सुमित कुमार सिंह और खंड शिक्षा अधिकारी बरौली अहीर महेश कुमार पटेल को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। ये दोनों अधिकारी मौके पर जाकर जांच करेंगे और अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।
PAPA ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि ऐसे स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाए, उनकी मान्यता निलंबित की जाए और सभी निजी व मिशनरी स्कूलों के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। दीपक सरीन ने कहा, “शिक्षा बच्चों का अधिकार है, स्कूलों के लिए यह एक सेवा है, व्यवसाय नहीं।”