Agra News लोहामंडी थाने में तैनात पीआरडी जवान योगेंद्र सिंह ने फर्जी हस्ताक्षर कर बिना ड्यूटी के मानदेय निकाला। जांच में दोषी पाया गया। कार्यालय की मिलीभगत का शक।
Agra News आगरा में फर्जीवाड़े और सरकारी मानदेय के गबन का एक गंभीर मामला सामने आया है। लोहामंडी थाने में तैनात पीआरडी (प्रादेशिक विकास दल) जवान योगेंद्र सिंह पर बिना ड्यूटी किए फर्जी तरीके से मानदेय निकालने का आरोप लगा है। यह गबन सिर्फ मानदेय तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें थाना प्रभारी के फर्जी हस्ताक्षर करने और सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ का भी मामला है, जो इसकी गंभीरता को कई गुना बढ़ा देता है।

फर्जी हस्ताक्षर और रिकॉर्ड से छेड़छाड़
जाँच में खुलासा हुआ है कि पीआरडी जवान योगेंद्र सिंह ने फर्जी तरीके से मानदेय निकालने के लिए थाना प्रभारी के फर्जी हस्ताक्षर किए और उनकी मुहर का भी दुरुपयोग किया। इसके अलावा, उसने पुरानी उपस्थिति रजिस्टर को भी फाड़कर फेंक दिया, ताकि उसके अवैध कृत्य का कोई सबूत न बचे।
जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल के उप निदेशक वीसीपी श्रीवास्तव के आदेश पर गठित तीन सदस्यीय टीम की जाँच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
जाँच की प्रक्रिया और दोषसिद्धि
उप निदेशक वीसीपी श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें फर्जी तरीके से मानदेय निकालने की शिकायत मिली थी। इस मामले में जवाब लेने के लिए युवा कल्याण अधिकारी और थाना लोहामंडी के प्रभारी निरीक्षक को दो बार नोटिस दिया गया था, लेकिन दोनों ने तय समय में जवाब नहीं दिया। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जाँच टीम गठित की गई थी।
जाँच में स्पष्ट पाया गया कि पीआरडी जवान योगेंद्र सिंह दोषी है। वह जुलाई महीने में ड्यूटी पर नहीं आया था, इसके बावजूद उसने फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर मानदेय निकाल लिया।
कार्यालय की मिलीभगत की आशंका
यह मामला सिर्फ जवान तक ही सीमित नहीं है। उप निदेशक वीसीपी श्रीवास्तव ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में कार्यालय के बाबू (क्लर्क) और अधिकारी की मिलीभगत भी लग रही है।
नियम के मुताबिक, पीआरडी जवानों को मानदेय का भुगतान जिला युवा कल्याण कार्यालय से किया जाता है, लेकिन यह भुगतान क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी और संबंधित थानाध्यक्ष के संस्तुति (confirmation) के बाद ही जिला युवा कल्याण अधिकारी द्वारा किया जाता है। ऐसे में बिना ड्यूटी किए और फर्जी हस्ताक्षर के बाद क्षेत्रीय अधिकारी और जिला युवा कल्याण अधिकारी ने कैसे मानदेय निकाल दिया, इसकी भी गहन जांच की जा रही है।
बड़े फर्जीवाड़े की आशंका और आगे की कार्रवाई
यह आशंका जताई जा रही है कि जनपद में ऐसे और कितने लोगों ने फर्जी तरीके से मानदेय निकाला है। इस बड़े फर्जीवाड़े की व्यापक जांच होगी। शासन को भी पत्र लिखकर इस गंभीर मामले के बारे में अवगत कराया जा रहा है।
ज्ञात हो कि जिले में पीआरडी के 454 जवानों की तैनाती है, जिनमें से 312 विभागीय और 142 गैर-विभागीय ड्यूटी करते हैं। इन्हें सरकार की तरफ से ₹500 प्रतिदिन मानदेय मिलता है। योगेंद्र सिंह पर फर्जी हस्ताक्षर और सरकारी धन के गबन के आरोप में सख्त कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
आगरा में लोहामंडी थाने के बाहर गिरा विशाल पेड़, एक्टिवा सवार युवक गंभीर रूप से घायल

































































































