Agra News क्वीन एम्प्रेस मैरी लाइब्रेरी में ‘ढाई आखर प्रेम का’ कार्यक्रम हुआ। गजल गायक सुधीर नारायन ने कबीर के दोहे, सबद और रमैनी प्रस्तुत किए। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में कबीर के विचारों की प्रासंगिकता बताई।
आगरा की क्वीन एम्प्रेस मैरी लाइब्रेरी में भाईचारे की भावना को समर्पित एक विशेष साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘ढाई आखर प्रेम का’ आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय ख्याति के गजल गायक सुधीर नारायन ने संत कबीर दास की कालजयी रचनाओं—दोहे, सबद और रमैनियां—को सस्वर प्रस्तुत किया, जिसने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सुधीर नारायन हाल ही में अमेरिका सहित कई देशों का दौरा करके लौटे हैं। उन्होंने अपनी प्रस्तुतियों के बीच बताया कि आज के समय में अंधविश्वास, व्यक्ति पूजा, पाखंड और ढोंग के खिलाफ संत कबीर दास 15वीं-16वीं सदी में जितने प्रासंगिक थे, उससे कहीं अधिक उनकी जरूरत समाज को आज है।
विश्व भर में कबीर के दर्शन की स्वीकार्यता
श्री नारायन ने अपने विदेशी दौरों का अनुभव साझा करते हुए कहा कि, जहाँ पहले लोग केवल गजल और नज्मों की फरमाइश करते थे, वहीं अब उनसे कबीर दास जी की रचनाओं की संगीतमयी प्रस्तुतियों का भी आग्रह किया जाता है।
- इंटरनेट का प्रभाव: उन्होंने बताया कि ‘इंटरनेट’ के माध्यम से कबीर दास जी का दर्शन विश्व के हर कोने में पहुँच चुका है। लोग अब कबीर दास जी को जानते ही नहीं, अपितु गहनता से समझते हैं। उन्हें साखी, सबद और रमैनी की भी अपने-अपने अंदाज में जानकारियां हैं।
- सकारात्मक संकेत: श्री नारायन ने इसे सकारात्मक संकेत बताते हुए कहा कि लोग अब अविश्वास, हिंसा और घातक बारूदी हमलों से ऊब चुके हैं।
सुधीर नारायन की प्रमुख प्रस्तुतियां
आगरा के सुधी श्रोताओं के बीच यह श्री नारायन का पहला कार्यक्रम था। उन्होंने कबीर दास की निम्नलिखित रचनाओं को सस्वर प्रस्तुत किया:
- “भला हुआ मेरी मटकी फूटी, मैं तो पनिया भरन से छूटी, मोरे सर से ताली बाला”
- “हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या”
- “जरा धीरे-धीरे गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले”
- “मोको कहा ढूंढे रे बन्दे मैं तो तेरे पास में”
- “चदरिया झीनी रे झीनी”
- “मोरी चुनरी में पर गयो दाग पिया”
- “दोहा”
- “बीत गए दिन भजन बिना रे”
- “मन लाग्यो मेरो यार फकीरी में”

क्वीन एम्प्रेस मैरी लाइब्रेरी का उल्लेख
श्री नारायन ने लाइब्रेरी में कार्यक्रम आयोजित करने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि लाइब्रेरी का विकास हो जाने से महानगर की लम्बे समय से चली आ रही जरूरत पूरी हुई है। उन्होंने इसके लिए छावनी परिषद के निवर्तमान उपाध्यक्ष डॉ पंकज महेंद्रू, मंडलायुक्त आगरा, स्मार्ट सिटी, छावनी परिषद के अधिकारियों और अधिशासी अधिकारी का आभार जताया।
कार्यक्रम के आयोजन में अमृता विद्या -एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी, पंकज स्कैनिंग और पैथोलॉजी और कुंदन सोप आदि संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी रही। श्री नारायन के सहयोगी दल में ख़ुशी सोनी, देश दीपक शर्मा, गति सिंह, राधा तोमर, अमन शर्मा, अक्षय प्रताप, सुरेश, राज मैसी, राजू पाण्डेय, और दिनेश श्रीवास्तव शामिल रहे।
विद्वानों और अतिथियों का संबोधन
मुख्य अतिथि के रूप में आयुक्त पुलिस दीपक कुमार ने कहा कि कबीर दास जी बेबाक अभिव्यक्ति करने वाले थे, और उनका ‘न काहू से दोस्ती और न काहू से बैर’ का भाव उन्हें विशिष्ट बनाता है। अपर जिलाधिकारी (एडीएम) नगर यमुनाधर चौहान ने कहा कि कबीरदास जी का हमेशा अलग स्थान रहा है और उनकी रचनाएँ समाज को संदेश देने के मामले में अब तक प्रेरक हैं।
- अमृता विद्या के सेक्रेटरी श्री अनिल शर्मा ने आगरा की साहित्यिक विरासत पर प्रकाश डाला और डॉ. पंकज महेंद्रू तथा श्री बृजेश तिवारी का लाइब्रेरी को संजोने के लिए आभार व्यक्त किया।
- डॉ. कुसुम चतुर्वेदी ने कबीर दास जी के ‘रहस्यवाद’ पर प्रकाश डाला।
- साहित्यकार अरुण डांग ने कबीर के सामाजिक चेतना को आज तक प्रासंगिक बताया।
- डेवलपमेंट काउंसिल फॉर फुटवियर एंड लेदर इंडस्ट्री भारत के चेयरमैन पूरन डावर ने साहित्यिक गतिविधियों की निरंतरता पर जोर दिया।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती श्रुति सिन्हा ने किया।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति (Attendees)
कार्यक्रम में निम्नलिखित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे:
- रेणुका डंग, अशोक चौबे, आनंद शर्मा, असलम सलीमी, अनिल शुक्ला, डॉ मधु भारद्वाज, डॉ महेश शर्मा, दिलीप रघुवंशी, कांति नेगी, राजीव गुप्ता, डॉ मुनीश्वर गुप्ता, विशाल सिंह, सय्यद शाहीन हाश्मी, अमीर अहमद जाफरी, नीलम मल्होत्रा, नीलम पाटनी, रुनु दत्ता, ग्रुप कैप्टेन जय पाल सिंह चौहान, डॉ मुकुल पंडया, डॉ साँची महेन्द्रू, आनंद राय, डॉ महेश धाकड़, मज्जाज उद्दीन कुरेशी, प्रदीप खंडेलवाल, प्रमिला शर्मा, कुलदीप शर्मा, ललिता कुंजरू, आनंदित पंडित, डॉ विनोद महेश्वरी, और डॉ एस के अरेला।
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