Agra News छावनी विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने 469 बूथों में 60,000 फर्जी और डबल वोट होने का दावा किया। उन्होंने कहा 65 बूथों पर 5400 विवाहित महिलाओं के नाम डबल हैं। 28 अक्टूबर से पुनरीक्षण अभियान शुरू।
आगरा में आगामी 2027 विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची की शुद्धता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने आगरा छावनी विधानसभा क्षेत्र में फर्जी और डबल मतदाताओं की एक विशाल संख्या होने का दावा किया है। उनका दावा है कि अकेले उनकी विधानसभा के 469 बूथों में 60,000 फर्जी और डबल मतदाता हैं, जो पिछले 10 से 20 सालों से सूची में बने हुए हैं। विधायक ने इसके लिए सीधे तौर पर बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।
डॉ. धर्मेश ने बुधवार दोपहर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में यह सनसनीखेज दावा किया, ठीक उसी समय जब निर्वाचन आयोग के आदेश पर आगरा में 28 अक्टूबर को विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान चालू हुआ है।
65 बूथों का गहन अध्ययन: 5400 महिलाएं डबल वोटर
विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में कुल 4,69 बूथों में 4 लाख 82 हजार मतदाता हैं। उन्होंने लगभग साढ़े तीन माह पूर्व अपने विधानसभा क्षेत्र के 65 बूथों को चुनकर मतदाता सूची का घर-घर सत्यापन अपनी निजी निगरानी में कराया था।
जांच के प्रमुख बिंदु:
- जांच का दायरा: 65 बूथों में कुल 45,521 मतदाता थे।
- बड़ा खुलासा: इस गहन जांच में 5400 महिलाएं ऐसी मतदाता निकलीं, जिनके नाम डबल थे।
- कारण: ये वे महिलाएं थीं जिनकी शादी के 20 से 25 साल बीत चुके हैं और वर्तमान में उनकी उम्र 45 साल से अधिक है, लेकिन नियमानुसार उनके नाम मायका पक्ष (पुरानी विधानसभा) से हटाए नहीं गए हैं।
- डबल एंट्री: ससुराल पक्ष के माध्यम से भी इनका नाम वर्तमान मतदाता सूची में अंकित हो गया है।
विधायक ने दावा किया कि इसी तरह से पुरुष मतदाताओं के नाम भी दो बूथों में अंकित हैं।
पूरे जिले में 5.40 लाख फर्जी वोट होने की आशंका
डॉ. धर्मेश ने दावा किया है कि उनकी विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता हैं जो छावनी क्षेत्र से बाहर चले गए हैं, लेकिन उनके नाम अभी भी सूची में अंकित हैं और दूसरी विधानसभा क्षेत्र में भी उनका नाम अंकित हो गया है।
उन्होंने जोर देकर कहा:
“पूरी छावनी विधानसभा क्षेत्र में 60,000 फर्जी और डबल मतदाता हैं।”
इस आंकड़े को आधार बनाते हुए उन्होंने गंभीर आशंका जताई कि यदि पूरे जिले की नौ विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ दिया जाए, तो यह संख्या 5.40 लाख तक पहुँच सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्षों पूर्व उनके प्रयासों से लगभग 25 से 30 हजार फर्जी वोट और डबल मतदाताओं के नाम हटे थे, लेकिन बीएलओ ठीक तरीके से कार्य नहीं करते हैं।
उदाहरणों के साथ पेश किए सबूत
विधायक डॉ. धर्मेश ने अपनी प्रेस वार्ता में पत्रकारों को डबल नामों के कुछ उदाहरण भी पेश किए, जो बीएलओ की लापरवाही को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं:
- उमेश चंद का मामला: मतदाता मकान संख्या क्रमांक 185 के भाग संख्या 7/84 में उमेश चंद (पिता होरीलाल) का नाम है, और इसी भाग संख्या 7/84 में भी उमेश का नाम अंकित है।
- उपेंद्र कुमार जैन का मामला: मतदाता मकान संख्या क्रमांक 96 के भाग संख्या 7/75 में उपेंद्र कुमार जैन (पिता अशोक कुमार जैन) का नाम है, और इसी भाग संख्या 7/75 में भी उपेंद्र (पिता अशोक) का नाम अंकित है।
- विराग जैन का मामला: मतदाता मकान संख्या क्रमांक 194 के भाग संख्या 7/84 में विराग जैन (पिता हुकुमचंद जैन) का नाम है, और संख्या 193 भाग संख्या 7/84 में भी विराग जैन (पिता हुकुमचंद जैन) का नाम अंकित है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और सख्त चेतावनी
विधायक डॉ. धर्मेश द्वारा लगाए गए इन गंभीर आरोपों पर जिला प्रशासन ने भी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी यमुना धर चौहान ने बताया कि:
“निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विशेष पुनरीक्षण अभियान 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलाया जा रहा है। सभी बीएलओ को घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।”
उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि जो बीएलओ लापरवाही बरतेंगे या घर जाकर सत्यापन नहीं करेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाया जा सके।
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