Agra News सिकंदरा पुलिस ने 48 घंटे में ऑटो में लूट की वारदात का खुलासा कर दिया है। ऑटो गैंग के तीन सदस्य (शिवम, आसिफ, सोहेल) गिरफ्तार किए गए हैं। मोबाइल, नकदी और वारदात में प्रयुक्त ऑटो बरामद।
आगरा में यात्रियों को सवारी बनाकर लूटने वाले ऑटो गैंग का सिकंदरा पुलिस ने महज 48 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर दिया है। इस ऑटो गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से लूट का माल, नकदी और वारदात में इस्तेमाल होने वाला ऑटो भी बरामद किया गया है। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने शहर में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल की है।
एसीपी हरीपर्वत, संजय महादिक ने इस पूरी कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि यह गिरोह लंबे समय से सुनसान सड़कों पर यात्रियों को निशाना बना रहा था, जिससे आम लोगों में भय का माहौल था।
लूट की वारदात का विवरण
पूरा मामला तब सामने आया जब 26 अक्टूबर को थाना सिकंदरा में एक गंभीर लूटपाट का मुकदमा दर्ज किया गया।
वादी (पीड़ित) ने पुलिस को बताया कि यह घटना 25 अक्टूबर की है, जब वह किसी काम से शास्त्रीपुरम मोड़ से एक सवारी ऑटो रिक्शा में बैठा था। पीड़ित के अनुसार, ऑटो में पहले से ही पीछे की सीट पर दो संदिग्ध व्यक्ति बैठे हुए थे। ऑटो ड्राइवर ने पीड़ित को बीच में बैठाया, जो कि इस गिरोह की लूटपाट को अंजाम देने की रणनीति का एक हिस्सा था।
ऑटो जैसे ही सिकंदरा बीयर फैक्ट्री के पास सुनसान सड़क पर पहुंचा, पहले से बैठे दोनों व्यक्तियों ने पीड़ित को धमकाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते उन्होंने लूट की घटना को अंजाम दिया। पीड़ित से उसका मोबाइल फोन और 9500 रुपये नकद छीन लिए गए। लूट के बाद लूटेरों ने पीड़ित को ऑटो से नीचे उतार दिया और मौके से फरार हो गए। इस घटना से पीड़ित स्तब्ध रह गया और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया।

पुलिस की टीमें गठित, 48 घंटे में खुलासा
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसीपी हरीपर्वत संजय महादिक के निर्देशन में सिकंदरा पुलिस ने तत्काल त्वरित कार्रवाई शुरू की। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की विशेष टीमें लगाई गईं।
- सर्विलांस टीम को सक्रिय किया गया, जिसने लूटे गए मोबाइल की लोकेशन और अन्य तकनीकी जानकारियों पर काम करना शुरू किया।
- मुखबिर तंत्र को भी मजबूत किया गया, ताकि आरोपियों के बारे में सटीक और विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हो सके।
पुलिस की ये टीमें लगातार 48 घंटों तक सक्रिय रहीं। आखिरकार, मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने पनवारी गांव के पास से तीनों आरोपियों को दबोच लिया। इस गिरफ्तारी से न सिर्फ लूट की वारदात का खुलासा हुआ, बल्कि शहर में सक्रिय एक शातिर ऑटो गैंग का भी अंत हुआ।
बरामदगी और आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान उनके बयान और सबूतों के आधार पर की गई है।
- मुख्य आरोपी (ऑटो चालक): शिवम
- अन्य आरोपी (सवारी बनकर लूटने वाले): आसिफ और सोहेल
इन तीनों के पास से पुलिस ने निम्नलिखित सामान और नकदी बरामद की है:
- लूट का मोबाइल फोन (पीड़ित का)
- 5400 रुपये नकद (लूट की शेष राशि)
- ऑटो रिक्शा (जो लूट की वारदात में प्रयोग किया गया था)
पुलिस द्वारा बरामद की गई नकदी से यह स्पष्ट होता है कि तीनों आरोपी लूटी गई रकम को आपस में बांट चुके थे।
ऑटो गैंग का सुनियोजित ‘मॉडस ऑपरेंडी’
पूछताछ में आरोपियों ने लूट की वारदात को अंजाम देने के तरीके (मॉडस ऑपरेंडी) के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिससे पता चला कि यह गिरोह कितनी शातिर तरीके से काम कर रहा था।
- किराए का ऑटो: आरोपियों ने बताया कि यह ऑटो रिक्शा किसी महिला का है, जिसे वे किराए पर लेकर चलाते थे।
- निश्चित भूमिका: ऑटो गैंग में सबकी भूमिका निश्चित थी। शिवम ऑटो चलाता था, जबकि सोहेल और आसिफ सवारी बनकर पहले ही पीछे की सीट पर बैठ जाते थे।
- यात्री को बीच में बैठाना: ये तीनों किसी भी व्यक्ति को ऑटो में बीच की सीट पर बैठाते थे, ताकि वह यात्री दोनों तरफ से घिरा रहे और विरोध न कर सके।
- सुनसान जगह पर वारदातः भीड़-भाड़ वाली सड़कों को छोड़कर, ये गिरोह सुनसान और अंधेरी सड़कों पर मौका देखकर यात्री को पिस्टल या चाकू से धमकाकर लूटपाट करता था और उसे ऑटो से नीचे फेंक कर भाग जाता था।
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी शिवम पर पहले भी चोरी और लूटपाट के कई मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस अब इन आरोपियों से और साथियों के बारे में जानकारी जुटा रही है, ताकि इस पूरे नेटवर्क को खत्म किया जा सके। मामले में अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 317(2) की बढ़ोतरी की गई है, जो इस प्रकार के जघन्य अपराधों के लिए कठोर प्रावधान सुनिश्चित करती है।
Agra News: देह व्यापार की सूचना पर दबिश: होटल ‘द हैवन’ की पहली मंजिल से युवती गिरी, 3 हिरासत में

































































































