Agra News शस्त्र लाइसेंस धारकों और अधिवक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है। शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण में ई-स्टांप की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। अधिवक्ताओं के लगातार विरोध और ज्ञापन के बाद गुरुवार को प्रशासन ने यह निर्णय लिया। अब लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदनकर्ता कलेक्ट्रेट स्थित मुख्य कोषागार कार्यालय से खरीदे गए स्टांप पेपर का प्रयोग कर सकेंगे, जिससे प्रक्रिया सरल हो जाएगी।
विरोध के बाद SDM सिटी ने बुलाई बैठक
ई-स्टांप की अनिवार्यता को लेकर अधिवक्ताओं में लंबे समय से असंतोष व्याप्त था। उनका तर्क था कि ई-स्टांप प्राप्त करने की प्रक्रिया जटिल है और अक्सर सर्वर संबंधी समस्याओं के कारण इसमें अनावश्यक देरी होती है, जिससे लाइसेंस धारकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस विरोध को देखते हुए गुरुवार को एसडीएम सिटी यमुनाधर चौहान ने मामले को गंभीरता से लिया और आयुध कार्यालय के कर्मचारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक में अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी हिस्सा लिया और अपनी समस्याओं को विस्तार से प्रशासन के समक्ष रखा।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि ई-स्टांपिंग प्रणाली पूरी तरह से स्थापित न होने और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लाइसेंस धारकों की सुविधा को देखते हुए, भौतिक स्टांप पेपर को नवीनीकरण के लिए स्वीकार किया जाना चाहिए।
मुख्य कोषागार से खरीदे स्टांप होंगे मान्य
एसडीएम सिटी यमुनाधर चौहान ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद यह महत्वपूर्ण फैसला लिया। बैठक में सर्वसम्मति से यह तय हुआ कि अब शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण में कलेक्ट्रेट स्थित मुख्य कोषागार कार्यालय से खरीदे गए स्टांप पेपर को मान्य माना जाएगा और उन्हें प्रयोग में लाया जा सकेगा। इस फैसले से ई-स्टांप की बाध्यता पूरी तरह से खत्म हो गई है।
एडीएम सिटी ने बताया कि इस संबंध में आयुध कार्यालय के कर्मचारियों को जानकारी दे दी गई है और वे तुरंत प्रभाव से इस नए नियम को लागू करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस बदलाव से लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी, जिससे जनता को अनावश्यक भागदौड़ से मुक्ति मिलेगी।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में आयुध कार्यालय से कर्मचारी कृष्णा और राहुल कुमार मौजूद रहे। वहीं, अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल में रवि कुमार चौबे, संजय पचौरी, विपिन कुमार, अभिषेक कुमार, और गोविंद शामिल थे। इन अधिवक्ताओं ने प्रशासन के इस त्वरित और जनहितैषी निर्णय का स्वागत किया है और इसे अधिवक्ताओं तथा शस्त्र लाइसेंस धारकों की एक बड़ी जीत बताया है।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में फर्जी शस्त्र लाइसेंस घोटाले और रिकॉर्ड में गड़बड़ी के मामले सामने आने के बाद आगरा का आयुध विभाग लगातार चर्चा में रहा है। ऐसे में, प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की यह पहल विभाग की छवि को सुधारने में भी मददगार साबित हो सकती है। नवीनीकरण प्रक्रिया में कोषागार से खरीदे गए स्टांप का प्रयोग होने से स्टांप शुल्क के भुगतान की प्रक्रिया में स्पष्टता आएगी।
इस निर्णय से जिले के हजारों शस्त्र लाइसेंस धारकों को अब लंबी लाइनों और तकनीकी जटिलताओं का सामना नहीं करना पड़ेगा और उनका काम समय पर पूरा हो सकेगा। यह स्थानीय प्रशासन द्वारा जनता की समस्याओं के समाधान की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
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