
आगरा। आगरा में चल रहे नकली दवा कारोबार पर हुई कार्यवाही को लेकर विशेष सचिव रेखा एस. चौहान ने कई बड़े खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ आगरा का मामला नहीं है, बल्कि यह एक संगठित गिरोह की तरह काम कर रहा है जिसके तार देश के कई हिस्सों से जुड़े हैं। अब तक इस मामले में चार मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और चार गिरफ्तारियां भी हुई हैं।
एक ही बैच नंबर से बिक रही थीं कई गुना ज्यादा दवाएं
कमिश्नरी में हुई बैठक के दौरान रेखा एस. चौहान ने बताया कि छापेमारी के बाद जब दवा कंपनियों से जानकारी ली गई तो पता चला कि इन गोदामों में उनके बताए गए बैच से कई गुना ज्यादा दवाएं मिलीं। यह खुलासा हुआ कि एक ही बैच नंबर का इस्तेमाल करके 100 डिब्बों के बिल से 1000 डिब्बे बेच दिए गए थे। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से एक संगठित गिरोह का काम है।
लखनऊ, कानपुर से लेकर पुडुचेरी तक जुड़े हैं तार
विशेष सचिव ने बताया कि इस सिंडिकेट के तार कई राज्यों में फैले हुए हैं। जांच में पता चला है कि अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, बरेली, लखनऊ और कानपुर का भी इस रैकेट से कनेक्शन है। जांच के लिए टीमें चेन्नई और पुडुचेरी भी जाएंगी, जहां का दवा माफिया राजा सिंह अभी फरार है। उसे भी जल्द गिरफ्तार करने की कोशिश की जाएगी।
जांच को फुलप्रूफ बनाने की तैयारी
जांच में किसी भी तरह की धांधली न हो, इसके लिए प्रशासन ने कई सख्त कदम उठाए हैं:
- जन जागरूकता: ड्रग विभाग अब नकली और असली दवाओं की पहचान के लिए जन जागरूकता अभियान चलाएगा।
- फर्जी फर्मों पर नकेल: जो लोग परिवार के सदस्यों के नाम पर फर्जी फर्म खोल लेते हैं, उनकी भी जांच की जाएगी।
- गोदामों की जांच: एक गोदाम में 60 करोड़ रुपए का माल मिला है, जिसकी जांच अभी जारी है। अब तक 5.5 करोड़ का माल जब्त किया जा चुका है।
- गोपनीय जांच रिपोर्ट: जब्त किए गए सभी सैंपलों को लखनऊ की लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट में किसी तरह की लापरवाही न हो, इसके लिए एक क्यूआर कोड सिस्टम बनाया गया है ताकि लैब को सैंपल के बारे में कोई जानकारी न मिले।
रेखा एस. चौहान ने कहा कि यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी और जो भी लोग इस खेल में शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। ड्रग विभाग को भी अपने काम करने का तरीका बदलना होगा।