Agra News नगर निगम और इस्कॉन आगरा के संयुक्त तत्वावधान में हरिनाम संकीर्तन; महापौर, एमएलसी समेत कई गणमान्य लोग रहे मौजूद
Agra News शुक्रवार को यमुना तट पर एक अविस्मरणीय दृश्य दिखाई दिया। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती और अक्षय नवमी के पावन अवसर पर, हाथी घाट पर श्रद्धा, आध्यात्म और संगीत का भव्य संगम हुआ। हजारों दीपकों की रोशनी से नहाया हुआ हाथी घाट किसी स्वर्ग से कम नहीं लग रहा था।
यह भव्य आयोजन नगर निगम आगरा और श्री जगन्नाथ मंदिर (इस्कॉन आगरा) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। इस दीपोत्सव, आरती और संकीर्तन कार्यक्रम में शामिल होकर हजारों लोग श्रद्धा, भक्ति और संस्कृति की त्रिवेणी में गोते लगाते रहे।
गणमान्यों ने किया दीप प्रज्ज्वलित
कार्यक्रम का शुभकामनापूर्ण शुभारंभ महापौर हेमलता दिवाकर, एमएलसी विजय शिवहरे, भाजपा नेता प्रमोद गुप्ता और मधु बघेल ने किया। उन्होंने भारत माता एवं सरदार वल्लभभाई पटेल की तस्वीर के समक्ष दीप जलाकर इस भव्य आयोजन की शुरुआत की।
- रोशनी से जगमगाया घाट: यमुना तट को पूरी तरह से 50 हजार दीयों की रोशनी से रोशन किया गया, जिससे एक दिव्य और मनोरम वातावरण बन गया।
भक्ति और जीरो वेस्ट थीम का अनूठा संगम
यह दीपोत्सव केवल भक्ति तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने पर्यावरण संरक्षण का भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना के साथ हुई, जिसके बाद कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
- इस्कॉन की प्रस्तुति: इस्कॉन के भक्ति नृत्य और भजन प्रस्तुतियों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हरिनाम संकीर्तन और संगीत ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
- जीरो वेस्ट थीम: सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम ने बताया कि यह आयोजन पूरी तरह से जीरो वेस्ट (Zero Waste) थीम पर आयोजित किया गया था। प्लास्टिक या किसी भी प्रकार की गैर-पर्यावरणीय सामग्री का प्रयोग सख्ती से प्रतिबंधित था। नगर निगम ने घाट को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ये गणमान्य रहे मौजूद
इस अवसर पर विधायक जीएस धर्मेश, उद्योगपति पूरन डावर, पार्षद शरद चौहान, राकेश जैन, प्रदीप अग्रवाल, डॉ. अमित पटेल, विक्रांत कुशवाह, हेमलता चौहान, केसी जैन, रेणुका डंग और इस्कॉन मंदिर आगरा के अध्यक्ष अरविंद स्वरूप दास, आशु मित्तल आदि सहित शहर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
हाथी घाट पर यह भव्य आयोजन आगरा की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को मजबूती देने के साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने में भी सफल रहा।
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