Agra उटंगन नदी त्रासदी के चौथे दिन लापता करन (21) का शव मिला। बेटे की खबर मिलते ही मां सामंती देवी की आँखें पथरा गईं और पत्नी सपना बेसुध हो गईं।
Agra के खेरागढ़ क्षेत्र को झकझोर देने वाले उटंगन नदी हादसे के चौथे दिन, लापता सात लोगों में से एक और युवक का शव बरामद हो गया है। नदी में डूबे करन (21) पुत्र रनवीर का शव रविवार शाम को नदी की गहराई से निकाला गया। चार दिन तक अपने बेटे के सही-सलामत लौट आने की उम्मीद लगाए बैठे परिवार के लिए यह खबर किसी वज्रपात से कम नहीं थी। करन का शव मिलने की जानकारी मिलते ही पूरे घर में और कुसियापुर गांव में फिर से चीख-पुकार और कोहराम मच गया। इस भयानक त्रासदी ने कई घरों के दीपक हमेशा के लिए बुझा दिए हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में गहरे शोक की लहर दौड़ गई है।
सेना के जवानों ने निकाला शव
करन (21) पुत्र रनवीर का शव सेना के जवानों और स्थानीय गोताखोरों की मदद से नदी में चलाए जा रहे सघन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मिला। बताया गया कि शव नदी में बने गहरे गड्ढों में फँसा हुआ था, जिसे निकालने के लिए कम्प्रेसर मशीन की सहायता ली गई। जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद करन के शव को बाहर निकाला। नदी किनारे मौजूद ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में शव को तुरंत पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि बाकी लापता लोगों की तलाश अभी भी जारी है और जब तक सभी शव बरामद नहीं हो जाते, रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं रोका जाएगा।
मां की पथराई आँखें, पत्नी का विलाप
जैसे ही करन का शव मिलने की खबर घर पहुंची, वहां का मंजर बेहद मार्मिक हो गया। बेटे के इंतजार में लगातार चार दिनों से पथराई निगाहों से दरवाजे की ओर टकटकी लगाए बैठीं मां सामंती देवी सदमे से सन्न रह गईं। उनकी आँखें अब आस की बजाय गहरे गम में डूबी थीं। वह बार-बार सिर्फ अपने बेटे करन का नाम पुकारती रहीं और बेसुध होकर जमीन पर बैठ गईं।
वहीं, करन की पत्नी सपना का रो-रोकर बुरा हाल था। अपने पति को खोने के गम में वह बार-बार बेहोश हो रही थीं। उनका हृदय विदारक विलाप सुनकर वहां मौजूद हर किसी की आँखें नम हो गईं। रिश्तेदारों और पड़ोसी महिलाओं का समूह घर में मौजूद था और वे करन की मां, पत्नी और बहन को ढांढस बंधाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन इस अपूरणीय क्षति की भरपाई करना असंभव था। करन के पिता भी बेटे की मौत से गहरे सदमे में हैं, उनके भी आंसू सूख गए हैं।
मासूम विनय की मार्मिक तलाश
इस पूरे दुखद माहौल में सबसे मार्मिक दृश्य करन के डेढ़ वर्षीय मासूम बेटे विनय का था। मासूमियत से अनजान विनय अपने पिता के घर न होने के कारण उन्हें बार-बार ढूंढता रहा। अपनी मासूम निगाहों से वह दरवाजे की ओर टकटकी लगाकर देखता रहा, मानो किसी भी पल उसके पिता करन उसे पुकारेंगे। उस छोटे बच्चे को अभी तक यह एहसास नहीं है कि उसके सिर से उसके पिता का साया हमेशा के लिए उठ चुका है। मासूम का यह निष्पाप इंतजार देखकर वहां मौजूद सभी लोगों का दिल भर आया और इस त्रासदी की भयावहता और असहनीयता हर किसी को महसूस हुई। यह दृश्य उस त्रासदी की सामाजिक कीमत को दर्शाता है जो पूरे कुसियापुर गांव पर आई है।
समूचे क्षेत्र में शोक की लहर
उटंगन नदी हादसे ने एक ही गांव के कई घरों में मातम फैला दिया है। करन का शव मिलने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि यह त्रासदी कितनी गहरी है। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। क्षेत्रीय व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। इस सामूहिक त्रासदी के कारण पूरे खेरागढ़ क्षेत्र में गहरा शोक व्याप्त है और लोग शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं। प्रशासन ने भी कहा है कि नदी में बाकी लापता लोगों की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
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