Agra News ट्रांसयमुना निवासी महिला ने पड़ोसियों पर छज्जे विवाद में घर में 5 घंटे बंधक बनाने और मारपीट का आरोप लगाया है। 3 दिन बाद भी FIR न होने पर एत्माद्दौला पुलिस पर सवाल।
Agra News ट्रांसयमुना फेस-2 क्षेत्र में दो पड़ोसियों के बीच एक छज्जे (Balcony/Slab) के निर्माण को लेकर चल रहा विवाद अब एक गंभीर आपराधिक मामले में बदल गया है। एक महिला ने अपने पड़ोसियों पर न केवल मारपीट का आरोप लगाया है, बल्कि यह भी कहा है कि विवाद के दौरान उसे उसके ही घर में 5 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। सबसे गंभीर बात यह है कि घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी एत्माद्दौला पुलिस द्वारा कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, जिस पर अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
पीड़िता की पहचान अंजलि जैन के रूप में हुई है, जो ट्रांसयमुना फेस-2 की निवासी हैं। अंजलि जैन का कहना है कि उनके पड़ोस में मकान का निर्माण चल रहा है और पड़ोसी अपने मकान का छज्जा आवश्यक सीमा से अधिक बढ़ाकर निकाल रहे हैं। अंजलि जैन ने जब निर्माण कार्य में इस अनुचित विस्तार का विरोध किया, तो विवाद शुरू हो गया।
सोमवार को हुई वारदात: मारपीट, बंधक बनाना और पुलिस की inaction
पीड़िता अंजलि जैन ने बताया कि यह पूरा घटनाक्रम सोमवार को हुआ। जब उन्होंने छज्जे के निर्माण को रोकने की कोशिश की, तो पड़ोसियों ने उनके साथ मारपीट की। यह मारपीट इतनी भीषण थी कि उनके शरीर पर गहरे घाव आए हैं। अंजलि ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि विवाद के दौरान, आरोपियों ने उनके ही घर के बाहर से दरवाजा बंद कर दिया और उन्हें अंदर 5 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान, आरोपियों ने दरवाजे पर ईंट और पत्थर भी फेंके, जिससे अंजलि और उनके परिवार को जान का खतरा महसूस हुआ।
अंजलि जैन का आरोप है कि मारपीट के दौरान एक पड़ोसी ने उनके हाथ पर दांतों से काट लिया, जिससे उनके हाथ में गंभीर चोट आई है। घटना के तुरंत बाद, उन्होंने एत्माद्दौला थाना पुलिस को शिकायत दी, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अभी तक मुकदमा (FIR) दर्ज नहीं किया है। पीड़िता का कहना है कि पुलिस का यह रवैया आरोपियों को संरक्षण देने जैसा है, जिससे उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद कम हो रही है।
पुलिस का पक्ष: आपसी विवाद, काम रुकवाया गया
इस पूरे मामले पर एसीपी छत्ता (ACP Chhatta) पीयूषकांत राय ने मीडिया को जानकारी दी है। एसीपी राय ने स्वीकार किया कि दोनों पक्षों के बीच मकान के छज्जे को लेकर विवाद चल रहा है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
एसीपी राय के अनुसार, “थाना पुलिस ने मौके पर जाकर निर्माण कार्य को रुकवा दिया है।” हालांकि, बंधक बनाने और मारपीट के आरोपों पर उन्होंने सीधे कोई कार्रवाई की पुष्टि नहीं की। एसीपी राय ने आगे कहा कि “संबंधित उपनिरीक्षक (SI/Investigating Officer) को जांच सौंपी गई है। उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस का यह कहना कि अभी जांच चल रही है, पीड़िता के लिए निराशाजनक है, क्योंकि मामला मारपीट और 5 घंटे तक बंधक बनाने जैसे गंभीर आरोपों से जुड़ा है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे गंभीर आरोपों में, पुलिस को तुरंत मुकदमा दर्ज कर पीड़ित का मेडिकल कराना चाहिए। पुलिस का यह विलंब (delay) न्याय की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है।
यह मामला दिखाता है कि कैसे छोटे-छोटे संपत्ति विवाद भी बड़े अपराधों का रूप ले सकते हैं। अंजलि जैन ने अब उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है और मांग की है कि जल्द से जल्द आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए, और लापरवाह पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई हो। सोसाइटी में भी इस घटना को लेकर तनाव और भय का माहौल है। पुलिस की आगे की जांच और कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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