Agra News दीपावली की खरीदारी और त्योहार की रौनक में आगरा का ट्रैफिक ठप, एक्सप्रेसवे से लेकर बाजार तक जाम, टोल कर्मचारियों की हड़ताल से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं।
त्योहार की भीड़ से शहर की सड़कों पर हाहाकार
आगरा में दीपावली की रौनक के बीच ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। शहर के मुख्य बाजारों से लेकर एक्सप्रेसवे तक जाम की स्थिति बनी रही। पुलिस के तमाम इंतजाम नाकाम साबित हुए, जबकि टोल कर्मचारियों की हड़ताल ने हालात और बिगाड़ दिए। त्योहार की शाम आगरा में रोशनी तो खूब रही, लेकिन सड़कों पर अफरा-तफरी मच गई। हजारों लोग खरीदारी और घर लौटने के लिए निकले, जिससे शहर का हर कोना ठप हो गया। पुलिस के दावे और ट्रैफिक व्यवस्था के सारे इंतजाम धरे रह गए।
मुख्य बाजारों में रेंगते वाहन और फंसे लोग
शनिवार को संजय प्लेस, बेलनगंज, राजा मंडी, एमजी रोड और सिकंदरा रोड जैसे प्रमुख बाजारों में दीपावली की खरीदारी के लिए भारी भीड़ उमड़ी। कारों, ई-रिक्शों और दोपहिया वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस ने डायवर्जन और बैरिकेडिंग की योजना बनाई थी, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि सारे इंतजाम फेल हो गए। कई जगहों पर लोगों को घंटों तक इंतजार करना पड़ा। दुकानदारों का कहना था कि पिछले सालों की तुलना में इस बार बाजारों में दोगुनी भीड़ रही, जिससे पार्किंग की जगह भी खत्म हो गई।
यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहनों की बाढ़
यमुना एक्सप्रेसवे पर इस बार ट्रैफिक का दबाव सामान्य से कई गुना अधिक रहा। सामान्य दिनों में जहां 18 से 20 हजार वाहन गुजरते हैं, वहीं शनिवार को यह संख्या बढ़कर करीब 45 हजार हो गई। टोल प्रशासन ने सभी 24 टोल लेनें खोल दीं, यहां तक कि आपातकालीन लेन भी चालू करनी पड़ी, इसके बावजूद वाहनों की कतारें खत्म नहीं हुईं और जाम कई किलोमीटर लंबा हो गया। टोल प्रभारी तुलसीराम गुर्जर ने बताया कि सामान्य दिनों में 16 लाइनें खोली जाती हैं, लेकिन शनिवार को सभी लेनें भी कम पड़ गईं। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो साझा किए और आगरा ट्रैफिक की हालत पर नाराजगी जताई।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर टोल कर्मियों की हड़ताल
इसी बीच आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने बोनस न मिलने पर अचानक हड़ताल कर दी। रात 12 बजे से टोल फ्री कर दिया गया और वाहन बिना शुल्क दिए गुजरने लगे। श्री साईं और दातार कंपनी के 21 कर्मचारियों ने प्लाजा पर बूम खोल दिए और धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों का कहना था कि कंपनी कई दिनों से बोनस का आश्वासन दे रही थी, लेकिन भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, वे ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया, पर कर्मचारी नहीं माने। धरने में मिंटू सिंह धाकरे, राजकुमार, केशव सिंह, पूजा, शिव कुमार, सचिन गोस्वामी, दिलीप पांडेय और अतुल शामिल रहे। कंपनी के जीएम संजय सिक्का ने कहा कि हड़ताल समाप्त कराने के प्रयास जारी हैं।
रहनकलां और फतेहाबाद टोल पर लंबी कतारें
शनिवार को रहनकलां टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की संख्या में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। नोएडा और दिल्ली की ओर से आने वाले वाहनों के लिए 16 लेनें खोली गईं। टोल इंचार्ज शिववीर सिंह ने बताया कि सामान्य दिनों में 24 घंटे में करीब 16 हजार वाहन गुजरते हैं, जबकि शनिवार को यह आंकड़ा 25 हजार तक पहुंच गया। वहीं, फतेहाबाद टोल पर वाहनों की एक किलोमीटर लंबी लाइन लगी रही। पुलिस और टोल कर्मचारियों को ट्रैफिक संभालने में खासी दिक्कत आई। कई यात्रियों ने बताया कि दो घंटे का सफर पांच घंटे में पूरा करना पड़ा।
पुलिस की तैयारी धरी रह गई
त्योहार से पहले पुलिस प्रशासन ने दावा किया था कि सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं, लेकिन हकीकत इसके उलट रही। भीड़ ने पूरे सिस्टम को ठप कर दिया। शहर के कई हिस्सों में वाहन रेंगते रहे, वहीं कई जगह टकराव और झगड़े की स्थिति बन गई। ट्रैफिक हेल्पलाइन लगातार व्यस्त रही, राहत किसी को नहीं मिली। अधिकारियों ने माना कि वाहनों की अचानक बढ़ती संख्या से नियंत्रण मुश्किल हो गया।
विशेषज्ञों ने दिए सुझाव
ट्रैफिक विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए त्योहार से पहले ही वैकल्पिक मार्ग तय करने और सोशल मीडिया पर रीयल टाइम ट्रैफिक अपडेट देने की व्यवस्था जरूरी है। टोल प्लाजा पर अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती और मोबाइल ट्रैफिक यूनिट से भी राहत मिल सकती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से ट्रैफिक सिस्टम सुधारने और बाजारों में अलग पार्किंग ज़ोन बनाने की मांग की है।
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