AGRA NEWS TODAY आगरा के ताजगंज क्षेत्र के महुआखेड़ा में शनिवार शाम बड़ी लापरवाही देखने को मिली। पानी की मुख्य पाइप लाइन अचानक फट गई, जिससे हजारों लीटर पानी सड़क पर बह गया। करीब दो घंटे तक पानी की धार 30 मीटर तक ऊपर उठती रही, लेकिन न तो जलकल विभाग ने सप्लाई बंद की और न ही कोई अधिकारी मौके पर पहुंचा। इस दौरान पानी की तेज बौछार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
मुख्य पाइप लाइन फटने से मचा हड़कंप
शनिवार शाम करीब छह बजे ताजगंज के महुआखेड़ा इलाके में पानी की सप्लाई चल रही थी। इसी दौरान भूमिगत मुख्य पाइप लाइन में रिसाव हुआ, जो कुछ ही मिनटों में फट गई। पाइप लाइन से निकले पानी का प्रेशर इतना ज्यादा था कि धार करीब 30 मीटर ऊंचाई तक पहुंच गई। देखते ही देखते सड़कें पानी से भर गईं। राहगीर भीगते हुए गुजरने को मजबूर हो गए। कई दुकानों और घरों के सामने पानी जमा हो गया।
स्थानीय निवासी मनोज शर्मा ने बताया कि शाम के समय लोग अपने घर लौट रहे थे, तभी अचानक पाइप लाइन फटने से चारों ओर पानी ही पानी हो गया। दोपहिया वाहन सवारों को काफी दिक्कत हुई। सड़क किनारे बिजली के खंभों के पास भी पानी भर गया, जिससे करंट फैलने का खतरा बना रहा।
दो विभागों के बीच जिम्मेदारी का खेल
पानी की बर्बादी के बाद जब स्थानीय लोगों ने जलकल विभाग से संपर्क किया, तो उन्होंने कहा कि यह पाइप लाइन उनके क्षेत्र की नहीं है। जलकल अधिकारियों के अनुसार, बसई पुलिस चौकी तक की पाइप लाइन उनकी जिम्मेदारी में आती है। महुआखेड़ा की पाइप लाइन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत है।
वहीं स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि महुआखेड़ा उनका चार्टेड क्षेत्र नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि यह पाइप लाइन उनके प्रोजेक्ट की सीमा से बाहर है। दोनों विभागों के इस विवाद के चलते करीब दो घंटे तक पानी सड़क पर बहता रहा।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
घटना का वीडियो इलाके के युवकों ने बनाया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। वीडियो में साफ दिखा कि पाइप लाइन से निकलता पानी झरने की तरह ऊपर जा रहा था। कुछ ही देर में वीडियो वायरल हो गया। लोगों ने नगर निगम और स्मार्ट सिटी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। कई लोगों ने लिखा कि जब शहर के कई इलाकों में रोज पानी की कमी रहती है, वहां इतनी बड़ी मात्रा में पानी का यूं बह जाना प्रशासन की लापरवाही है।
लोगों में नाराजगी, बोले— रोज किल्लत, आज बर्बादी
महुआखेड़ा के लोगों में नाराजगी देखी गई। स्थानीय महिला सीमा गुप्ता ने कहा कि हमारे इलाके में कई बार पानी की सप्लाई समय पर नहीं होती। टैंकरों से पानी मंगाना पड़ता है। और जब सप्लाई आती है तो विभाग की गलती से हजारों लीटर पानी यूं ही बह जाता है।
रहने वाले राजकुमार ने कहा कि जलकल और स्मार्ट सिटी का यह विवाद जनता के लिए मुसीबत बन गया है। “दोनों विभाग जिम्मेदारी से बच रहे हैं। अगर समय रहते सप्लाई बंद कर दी जाती, तो इतना पानी नहीं बहता,” उन्होंने कहा।
अधिकारी बोले— जांच कराई जा रही है
जलकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल पाइप लाइन की लोकेशन और सोर्स की जांच की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि लीकेज किस हिस्से से शुरू हुआ था। वहीं स्मार्ट सिटी अधिकारी ने कहा कि तकनीकी टीम को मौके पर भेजा गया है ताकि पाइप की मरम्मत की जा सके और भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने।
पानी की बर्बादी पर उठे सवाल
आगरा में जल संकट लगातार बढ़ रहा है। कई इलाकों में लोगों को हर दूसरे दिन पानी की सप्लाई मिलती है। ऐसे में हजारों लीटर पेयजल का इस तरह सड़क पर बह जाना चिंता का विषय है। शहर के पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि दोनों विभागों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
पर्यावरणविद् अजय शर्मा ने कहा कि अगर जलकल और स्मार्ट सिटी की सीमाएं स्पष्ट नहीं हैं, तो पहले इन्हें निर्धारित किया जाना चाहिए। “पानी की हर बूंद कीमती है। अगर प्रशासन ने जिम्मेदारी तय नहीं की, तो ऐसे मामले बार-बार होंगे,” उन्होंने कहा।
दो घंटे बाद रुका पानी, लेकिन सवाल बाकी
करीब दो घंटे बाद विभागीय कर्मचारियों ने पहुंचकर सप्लाई बंद की। तब जाकर पानी की धार थमी। हालांकि तब तक हजारों लीटर पानी सड़कों पर बह चुका था। क्षेत्र में जगह-जगह कीचड़ जमा हो गया है और पाइप लाइन की मरम्मत का काम देर रात तक जारी था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब महुआखेड़ा में पाइप लाइन फटी हो। इससे पहले भी यहां लीकेज की शिकायतें दी जा चुकी हैं, लेकिन स्थायी समाधान नहीं हुआ। अब लोग सवाल पूछ रहे हैं— आखिर पानी की बर्बादी की जिम्मेदारी कौन लेगा?
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