Agra News: संपत्ति विवाद से तंग आकर ग्राफिक डिजाइनर ने दुकान में फांसी लगाई, Facebook पर सुसाइड नोट

Agra News ताजगंज के 24 वर्षीय ग्राफिक डिजाइनर सचिन गोस्वामी ने दादी और दो चाचाओं द्वारा संपत्ति विवाद में परेशान किए जाने पर दुकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। Facebook पर सुसाइड नोट में तीनों को जिम्मेदार बताया।

आगरा के ताजगंज क्षेत्र के एमपी पूरा गुम्मट निवासी 24 वर्षीय सचिन गोस्वामी ने सोमवार दोपहर लगभग 3:30 बजे अपनी दुकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सचिन, राजेश्वरी मंदिर के पास अपनी दुकान में ग्राफिक डिजाइनिंग का काम करते थे। आत्महत्या करने से पहले उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक सुसाइड नोट (डिजाइन किया हुआ पोस्टर) पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने अपनी दादी और दो चाचाओं को अपनी मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है।

जब सचिन का छोटा भाई संदीप गोस्वामी दुकान पर पहुँचा, तो देखा कि शटर अंदर से गिरा हुआ था। शटर खोलकर अंदर जाने पर उसने बड़े भाई को फंदे से लटका पाया। फंदे से उतारने के बाद, सांसें चलने की उम्मीद में संदीप उन्हें तत्काल एसएन मेडिकल कॉलेज ले गया, जहाँ डॉक्टरों ने सचिन को मृत घोषित कर दिया।

सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप

आत्महत्या के बाद दुकान से सचिन का मोबाइल बरामद हुआ, जिसमें उन्होंने फेसबुक पर एक डिजाइन किया हुआ पोस्टर पोस्ट किया था। इस पोस्टर में उन्होंने अपनी दादी रामकली और दोनों चाचाओं (राधे और छोटू) की फोटो लगाकर उन पर गंभीर आरोप लगाए।

सचिन ने लिखा कि इन तीनों ने मिलकर जिस तरह उनके पिता (तहसीलदार गोस्वामी) को तड़पाकर मार डाला और उनकी दुकान पर कब्जा कर लिया, उसी तरह वे उन्हें भी जेल में डलवाने और मारने-पीटने वाले हैं।

विवाद का मूल कारण (पारिवारिक पृष्ठभूमि):

  1. पैतृक संपत्ति: सचिन के बाबा ने दो शादियां की थीं और अपने जीते जी संपत्ति का बंटवारा कर दिया था। सचिन के पिता तहसीलदार गोस्वामी ने अपनी पैतृक जमीन पर गोस्वामी मार्केट बनवाई थी।
  2. किराए पर कब्जा: पाँच वर्ष पूर्व पिता तहसीलदार गोस्वामी की कैंसर से मृत्यु हो गई। मार्केट के बंटवारे में सचिन के हिस्से में छह दुकानें आई थीं। उनके छोटे भाई संदीप का आरोप है कि चाचा राधे और छोटू उनके हिस्से की पाँच दुकानों का किराया खुद ले लेते थे। विरोध करने पर वे कहते थे कि उनके पिता के इलाज में रुपए खर्च हुए थे।
  3. दादी का पक्षपात: सचिन की दादी रामकली भी हमेशा दोनों चाचाओं का साथ देती थीं।
  4. झूठे मुकदमे: आरोप है कि चाचाओं ने कैफे संचालक को भड़काकर उन पर मुकदमा दर्ज करवाया, जिसके कारण पुलिस ने कुछ समय पहले दोनों भाइयों (सचिन और संदीप) को शांतिभंग में जेल भेज दिया था।
  5. मारपीट: चाचा और उनके स्वजनों ने उनकी माँ और बहन समेत परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी मारपीट की थी।

लगातार हो रहे इन झगड़ों और तीन माह पहले जेल जाने की घटना से सचिन अवसाद (Depression) में आ गए थे। उन्हें लगता था कि इन सबके पीछे चाचाओं का हाथ है।

आर्थिक तंगी और अवसाद

सचिन के स्वजनों ने बताया कि उनकी दुकान का काम भी ठीक से नहीं चलता था। छह में से पाँच दुकानें किराये पर थीं, लेकिन किराये पर चाचाओं का कब्जा होने के कारण परिवार के खर्च के लिए उन्हें अपनी ग्राफिक डिजाइन की दुकान पर निर्भर रहना पड़ता था, जो चल नहीं रही थी। रुपयों की कमी के चलते वे घर से दुकान पैदल जाते थे। रोजाना के विवादों और आर्थिक तंगी के कारण वह खुद को कमजोर समझने लगे थे।

एसीपी (Assistant Commissioner of Police) इमरान अहमद ने बताया कि युवक का मोबाइल और कंप्यूटर आदि सामान जांच के लिए कब्जे में लिया गया है। फेसबुक पोस्ट की जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि साक्ष्य के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपितों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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Abhimanyu Singh

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