Agra News डीएपी की कमी और समितियों पर ताले से किसान परेशान हैं। रुनकता समिति बंद मिली। किसानों ने DM को ज्ञापन दिया, जिस पर DM ने AR कोऑपरेटिव को खाद की कमी न होने के सख्त निर्देश दिए।
आगरा में रबी की फसल की बुवाई के समय, जब किसानों को उर्वरक (खाद) की सबसे ज्यादा जरूरत है, तब सहकारी समितियों पर लापरवाही और मनमानी हावी है। स्थिति यह है कि कई महत्वपूर्ण समितियाँ या तो बन्द हैं या तबेले में तब्दील हो चुकी हैं, जिससे किसान खाद के लिए भटकने को मजबूर हैं।
डीएपी (DAP) की कमी के चलते किसान उसके विकल्प के तौर पर एनपीके (NPK) का उपयोग कर रहे हैं। कृषि विभाग के अनुसार, इस बार एनपीके का वितरण भी लगभग डीएपी के बराबर हुआ है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले के 80% किसान उर्वरक ले जा चुके हैं और शेष 20% किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। जिले में कुल 100 सहकारी समितियाँ हैं, जिनमें से तीन किन्हीं कारणों से बंद चल रही हैं, जबकि शेष 97 पर वितरण जारी होने का दावा किया जा रहा है।
रुनकता समिति पर ताला और अनियमितता
हालांकि, मौके की हकीकत कुछ और ही बयां करती है। कई समितियों पर सचिवों की मनमानी साफ दिखाई देती है। सहकारी समिति रुनकता इसका जीता-जागता उदाहरण है।
- भंडारण की समस्या: रुनकता समिति पर खाद का भंडारण न होने के कारण, लोगों ने वहां डेरा डाल रखा है।
- किराए की दुकान से कार्य: समिति का काम गाँव में किराए की दुकान से चलाया जा रहा है।
- मनमानी और तालेबंदी: यह किराए की दुकान भी पिछले 10 दिन से बंद है और इस पर ताला पड़ा है।
- किसानों की परेशानी: किसान प्रतिदिन वहाँ जाते हैं और ताला लगा देखकर मायूस होकर वापस लौट आते हैं।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि समिति के सचिव ने कुछ स्थानीय लोगों को गोदाम की चाबी सौंप रखी है। रुनकता और आसपास के किसानों को खाद वितरण के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि सचिव किसानों के फोन तक रिसीव नहीं करते हैं, जिससे किसान मजबूरी में इधर-उधर भटकने को विवश हैं।
एआर कोऑपरेटिव विमल कुमार ने स्वीकार किया कि कोंडा वाली सहकारी समिति पर केवल एक ही कर्मचारी है, जो वितरण और अन्य सभी कार्य संभालता है। वहीं, कागरौल की सहकारी समिति द्वितीय भी समस्याओं के कारण बंद चल रही है।
डीएम को ज्ञापन: AR को सख्त निर्देश
किसानों और आम जनता की इस समस्या को देखते हुए, विभिन्न पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी (DM) अरविंद मलप्पा बंगारी को इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में खाद की किल्लत और समितियों की मनमानी को प्रमुखता से उठाया गया।
जिलाधिकारी महोदय ने ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए, एआर कोऑपरेटिव श्री विमल कुमार को सख्त निर्देश दिए। डीएम ने निर्देश दिया कि:
- विकासखंड बरौली अहीर, अछनेरा, बिचपुरी, फतेहाबाद—किसी भी विकासखंड में खाद की कमी नहीं होनी चाहिए।
- किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए बंद पड़ी समितियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
ज्ञापन सौंपने के दौरान आदरणीय प्रांत संगठन मंत्री धर्मेंद्र जी, महानगर अध्यक्ष रवि चौधरी जी, जिला मंत्री महावीर जी, बड़े गोपाल शर्मा जी, जिला उपाध्यक्ष संजीव कटारा जी, सह मंत्री गोविंद राघव जी, सहमंत्री प्रदीप शर्मा जी, जिला प्रचार प्रमुख विक्रम वर्मा जी, श्री रवि राजपूत जी, कप्तान सिंह वर्मा जी, तुषार जी, विनय जी, मधुकल जी, विनोद जी, नत्तू काका जी, धीरेन्द्र जी एवं अन्य पदाधिकारीगण मौजूद रहे। डीएम के सख्त निर्देश के बाद अब यह देखना होगा कि सहकारी समितियाँ कितनी जल्दी व्यवस्था सुधारकर किसानों को राहत प्रदान करती हैं।
आगरा: डीएपी खाद की कमी से किसान परेशान, वितरण के दौरान हंगामा


































































































