Agra News आगरा जिला अस्पताल में 50 बेड वाली अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) बनेगी। हर बेड पर वेंटिलेटर होगा। अगले महीने निर्माण शुरू।
Agra News आगरा के जिला अस्पताल में अब गंभीर और अति गंभीर मरीजों को इलाज के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज या निजी सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों की ओर दौड़ना नहीं पड़ेगा। अस्पताल प्रबंधन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत मरीजों को सांस देने की दिशा में एक बड़ा और क्रांतिकारी कदम उठाया है। जिला अस्पताल में एक अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) का निर्माण होने जा रहा है, जिससे उच्च गुणवत्ता की चिकित्सकीय सेवाएँ यहीं उपलब्ध हो सकेंगी।

हर बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा
जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (PMS) डॉ. राजेंद्र अरोड़ा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत शासन अस्पताल में चिकित्सकीय सेवाएं विकसित कर रहा है। इसी के तहत क्रिटिकल केयर यूनिट का प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है और इसके निर्माण के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है।
यह नई यूनिट अस्पताल के पास एक पांच मंजिला भवन के रूप में निर्मित होगी। इसका निर्माण अगले महीने से आश्रय स्थल के पास शुरू किया जाएगा और यह कार्य 18 महीने में पूरे होने की उम्मीद है।
इस अत्याधुनिक CCU में 50 बेड होंगे, जिनमें से हर बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध होगी। वेंटिलेटर के अलावा, यूनिट में अन्य जीवन रक्षक उपकरण भी उपलब्ध होंगे, जो गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए तत्काल सहायता सुनिश्चित करेंगे।
रेफरल की समस्या होगी खत्म
यह नई यूनिट जिला अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल सुविधाओं की कमी को दूर करेगी। अभी तक, किडनी, लिवर, हृदय, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के मरीजों को तत्काल इलाज के लिए रेफर करना पड़ता था। इस CCU के शुरू हो जाने से इन मरीजों को जिला अस्पताल में ही उच्च गुणवत्ता का इलाज मिल सकेगा।
डॉ. राजेंद्र अरोड़ा ने बताया कि शासन इस यूनिट के लिए विशेष चिकित्सकों की नियुक्ति करेगा, जो गहन चिकित्सा की विशेषज्ञता रखते होंगे। यूनिट को सुचारु रूप से चलाने के लिए इसमें चिकित्सकों के चैंबर, रिसेप्शन समेत अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं भी होंगी। इस पहल से आगरा और आसपास के गरीब एवं मध्यम वर्गीय मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
सेंट्रल लैब की भी हो रही स्थापना
जिला अस्पताल में सिर्फ CCU ही नहीं, बल्कि जाँच सुविधाओं को भी विकसित किया जा रहा है। अस्पताल में एक सेंट्रल लैब की भी स्थापना की जा रही है, जिसके लिए ओपीडी इमारत की तीसरी मंजिल पर सेटअप तैयार किया जा रहा है।
सेंट्रल लैब के बनने से वायरस और कीटाणु (माइक्रोबियल) से संबंधित सभी बीमारियों की जाँच की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इससे अस्पताल में जाँचों की संख्या और उनकी विश्वसनीयता दोनों बढ़ जाएगी, जिससे बीमारी की पहचान और इलाज में तेजी आएगी। डॉ. राजेंद्र अरोड़ा ने आशा व्यक्त की है कि इन दोनों बड़ी परियोजनाओं से जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर कई गुना बेहतर हो जाएगा।
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