डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को बताया ‘डेड इकोनॉमी’, लगाया 25% टैरिफ; रूस बोला- अमेरिकी राष्ट्रपति घबराए!

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगाने का ऐलान करते हुए भारत और रूस दोनों को ‘डेड इकोनॉमी’ (निष्क्रिय अर्थव्यवस्था) बताया है। उन्होंने एक बयान में कहा, “भारत और रूस अपनी अर्थव्यवस्था को साथ ले डूबें, मुझे क्या।” इस पर रूस के पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव ने पलटवार करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति घबरा गए हैं।


क्या है ‘डेड इकोनॉमी’ का मतलब?

‘डेड इकोनॉमी’ कोई आधिकारिक आर्थिक शब्द नहीं है, बल्कि यह एक बोलचाल का शब्द है जो किसी देश की अर्थव्यवस्था की बेहद खराब या ठप स्थिति को दर्शाता है। इसमें व्यापार, उत्पादन, नौकरियां और लोगों की कमाई लगभग रुक जाती है, जिससे विकास रुक जाता है और आर्थिक तंगी बढ़ जाती है। इसे मापने का कोई सटीक पैमाना नहीं है, लेकिन जीडीपी, महंगाई, बेरोजगारी दर और व्यापार घाटा जैसे संकेतक इसे समझने में मदद कर सकते हैं।


ट्रम्प की आपत्ति और रूस का पलटवार

ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर 30 जुलाई को ऐलान किया कि भारतीय सामानों पर अमेरिका में 25% टैरिफ लगेगा। उन्होंने कहा कि रूस से व्यापार के चलते भारत पर टैरिफ के अलावा पेनल्टी भी लगेगी। ट्रम्प ने भारत को अपना दोस्त बताते हुए भी उस पर भारी टैरिफ लगाने का कारण यह बताया कि भारत अमेरिकी सामानों पर बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलता है और रूस से बड़े पैमाने पर सैन्य उपकरण व तेल खरीदता है।

ट्रम्प की इस टिप्पणी पर रूस के पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव ने टेलीग्राम पर लिखा, “ट्रम्प को ‘डेड हैंड’ की खतरनाक ताकत याद रखनी चाहिए, भले ही यह अब मौजूद नहीं है। अगर रूस के पूर्व राष्ट्रपति के कुछ शब्दों से अमेरिका जैसे शक्तिशाली राष्ट्रपति इतना घबरा जाते हैं, तो रूस का रास्ता बिल्कुल सही है। हम अपने रास्ते पर आगे बढ़ते रहेंगे।” ‘डेड हैंड’ रूस का एक पुराना न्यूक्लियर वेपन कंट्रोल सिस्टम है, जो देश की लीडरशिप खत्म होने पर भी जवाबी हमला कर सकता था।


टैरिफ का भारत पर क्या होगा असर?

ट्रम्प द्वारा घोषित यह 25% टैरिफ 1 अगस्त, 2025 से लागू होगा। इसका सीधा मतलब है कि भारत से अमेरिका जाने वाले सामानों, जैसे दवाइयां, कपड़े और इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स पर 25% अतिरिक्त टैक्स लगेगा। इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय सामान महंगे हो जाएंगे और उनकी मांग कम हो सकती है। भारत का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस (निर्यात ज्यादा, आयात कम) भी प्रभावित हो सकता है।

विशेषज्ञों की राय: एलारा कैपिटल की इकोनॉमिस्ट गरिमा कपूर ने कहा कि अगर सितंबर-अक्टूबर तक कोई व्यापार समझौता नहीं हुआ, तो भारत की FY26 जीडीपी वृद्धि अनुमान में 20 बेसिस पॉइंट की कमी आ सकती है। वियतनाम, इंडोनेशिया और फिलिपींस जैसे देशों पर कम टैरिफ की तुलना में 25% की दर निश्चित रूप से नकारात्मक है।

किन सेक्टर्स पर पड़ेगा असर?

  • स्मार्टफोन: भारत 2025 की दूसरी तिमाही में अमेरिका को स्मार्टफोन सप्लाई करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है। हालांकि अभी इन पर टैरिफ नहीं लगेगा, लेकिन भविष्य में 25% टैरिफ से कीमतें बढ़ सकती हैं।
  • हीरे और ज्वेलरी: 9 अरब डॉलर से ज्यादा की ज्वेलरी निर्यात प्रभावित हो सकती है, जिससे मांग कम होगी और नौकरियों पर असर पड़ सकता है।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स: 14 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स भी टैरिफ के दायरे में आ सकते हैं, जिससे भारत की लागत-प्रतिस्पर्धा कम होगी।
  • फार्मास्यूटिकल्स (दवाइयां): भारतीय फार्मा सेक्टर, जो दुनिया भर में सस्ती दवाइयों का बड़ा सप्लायर है, अगर टैरिफ के दायरे में आया तो यह भारत के निर्यात के लिए बड़ा झटका होगा, क्योंकि अमेरिका भारत के फार्मा निर्यात का 30% से ज्यादा हिस्सा लेता है।
  • टेक्सटाइल और कपड़े: 2.5 अरब डॉलर से ज्यादा के निर्यात वाले इस सेक्टर पर भी 25% टैरिफ से असर पड़ेगा।

ट्रम्प ने टैरिफ के साथ ‘पेनल्टी’ लगाने की भी बात कही है, हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि यह क्या होगी। यह कुछ खास सामानों या सेक्टर्स पर अतिरिक्त टैक्स या व्यापारिक रियायतें खत्म करने के रूप में हो सकती है।


भारत-अमेरिका ट्रेड डील और भारत की प्रतिक्रिया

भारत और अमेरिका लंबे समय से एक ट्रेड डील पर काम कर रहे हैं। 25 अगस्त को अमेरिकी टीम भारत आएगी और छठे दौर की बातचीत होगी। भारतीय अधिकारी सितंबर या अक्टूबर तक एक बड़ा समझौता करने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन कृषि और डेयरी सेक्टर जैसे कुछ मुद्दों पर अभी सहमति नहीं बनी है। भारत जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों और डेयरी मार्केट को खोलने के लिए तैयार नहीं है।

वाणिज्य मंत्रालय ने ट्रम्प के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वे इसके असर का अध्ययन कर रहे हैं और दोनों देशों के लिए फायदेमंद व्यापार समझौते पर काम करने के लिए तैयार हैं।


क्या यह सिर्फ धमकी है या लागू होगा टैरिफ?

ट्रम्प ने इस बार 25% टैरिफ और तारीख की साफ बात कही है, लेकिन भारतीय अधिकारी इसे अस्थायी कदम मान रहे हैं क्योंकि व्यापार वार्ताएं अभी चल रही हैं। ट्रम्प पहले भी टैरिफ की धमकी दे चुके हैं और कई बार पीछे हटे हैं, तो यह धमकी भी दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है, ताकि भारत व्यापार समझौते में ज्यादा रियायतें दे। फिर भी, अगर समझौता नहीं हुआ, तो टैरिफ लागू होने की पूरी संभावना है। भारत के सामने दो रास्ते हैं: या तो अमेरिका के साथ जल्दी से व्यापार समझौता करे, या फिर बातचीत विफल होने पर अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाए। चूंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, दोनों देशों के लिए समझौता जरूरी है।

admin

Related Posts

Agra News: कब्जा विवाद के आरोपी नेता मंच पर! अरुण सिंह के कार्यक्रम में उपस्थिति पर सवाल

Agra News छावनी परिषद के विवादित बंगला नंबर 23 पर कब्जे के आरोपी पूर्व सांसद प्रभुदयाल कठेरिया, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के प्रोफेशनल सम्मेलन के मंच पर दिखाई…

Agra News: थानों में करता था चोरी बर्खास्त सिपाही,गिरफ्तार

Agra News हरियाणा पुलिस के बर्खास्त सिपाही वजीर सिंह को ट्रांस यमुना थाने के हेड कॉन्स्टेबल के घर चोरी के आरोप में 2 महीने बाद गिरफ्तार किया गया है। वह…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights