Agra News कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर जीआरपी और आरपीएफ महिला पुलिसकर्मियों की मदद से एक गर्भवती महिला ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। माँ-नवजात को एसएन अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आगरा के कैंट रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म सोमवार शाम उस वक्त अभूतपूर्व भावनाओं से भर गया, जब भीड़भाड़ और रेलगाड़ियों की आवाजाही के बीच अचानक एक नन्ही परी की किलकारी गूंज उठी। यह हृदयस्पर्शी घटना मानवीय संवेदना और पुलिस के सकारात्मक चेहरे को दर्शाती है, जहाँ दर्द से कराह रही गर्भवती महिला के लिए जीआरपी (GRP) और आरपीएफ (RPF) की महिला पुलिसकर्मी किसी फ़रिश्ता से कम नहीं थीं। उनकी त्वरित सहायता से स्टेशन पर ही एक नई जिंदगी को सुरक्षित रूप से धरती पर लाया गया।
सोमवार शाम करीब 7:50 बजे की बात है। प्लेटफॉर्म नंबर एक पर स्थित फूड प्लाजा के पास एक गर्भवती महिला को अचानक तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। महिला की हालत बिगड़ती देख, तुरंत डिप्टी एसएस कमर्शियल के माध्यम से सूचना जीआरपी कैंट थाना तक पहुंचाई गई।
जीआरपी कैंट थाना प्रभारी विकास सक्सेना ने सूचना मिलते ही बिना देर किए अपनी टीम को मौके पर रवाना किया। हेड कांस्टेबल कुसुमलता तुरंत घटनास्थल पर पहुँची।
तत्काल मदद: जान बचाने की दौड़
महिला की स्थिति बेहद गंभीर थी। वह मध्य प्रदेश के सतारा निवासी अपने परिजनों के साथ यात्रा कर रही थी और तेज दर्द के कारण जमीन पर कंबल डालकर लेटी हुई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जीआरपी हेड कांस्टेबल कुसुमलता और आरपीएफ एसआई गुलशन ने एक पल भी बर्बाद नहीं किया। उन्होंने बिना किसी देरी के महिला की मदद शुरू कर दी।
यह महिला पुलिसकर्मियों की साहस और त्वरित प्रतिक्रिया का ही परिणाम था कि कुछ ही मिनटों में महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के जन्म के साथ ही, भीड़भाड़ वाले स्टेशन पर अचानक नव जीवन की मीठी किलकारी गूंज उठी। आसपास मौजूद यात्री भी ठिठक गए। कई लोगों के चेहरे पर इस अप्रत्याशित घटना की हैरानी थी, तो कई की आँखों में खुशी और सुकून साफ झलक रहा था।
रेलवे स्टाफ का सहयोग और अस्पताल स्थानांतरण
बच्ची को जन्म देने के बाद, महिला पुलिसकर्मियों ने तुरंत बच्ची को एक साफ चादर से लपेटा और रेलवे चिकित्सक को इसकी सूचना दी गई।
थोड़ी देर बाद, डॉक्टर धीरज गुप्ता, महिला स्टाफ प्रीति और डिप्टी एसएस कमर्शियल कृष्णकांत सिंह भी मौके पर पहुँच गए। स्टाफ प्रीति ने अत्यंत सावधानीपूर्वक बच्ची की धर्म नाल (umbilical cord) काटी, जो प्रसव के बाद एक महत्वपूर्ण चरण होता है।
इसके बाद, महिला कांस्टेबल मीना खातून ने जच्चा और नवजात को रेलवे एंबुलेंस में सुरक्षित रखा और उन्हें तुरंत एसएन अस्पताल (SN Hospital) पहुँचाया, जहाँ उन्हें भर्ती कराया गया।
जीआरपी थाना प्रभारी विकास सक्सेना ने बताया कि मां और बच्ची दोनों सुरक्षित हैं और डॉक्टरों की निगरानी में हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि रेलवे और पुलिसकर्मी सिर्फ सुरक्षाकर्मी नहीं, बल्कि जरूरत पड़ने पर जीवन बचाने वाले देवदूत भी हैं। इस कार्य के लिए महिला पुलिसकर्मियों और रेलवे स्टाफ की सराहना की जा रही है।
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