Agra News आगरा मंडल (आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद) में 600 से अधिक मृतक पेंशनर्स के खातों में ₹2.77 करोड़ पहुँचे। परिजनों ने मौत की सूचना छिपाई। कोषागार ने ₹2.42 करोड़ वसूले, ₹35 लाख बकाया; अब गिरफ्तारी की चेतावनी।
Agra News मंडल के तीन जिलों—आगरा, मथुरा और फिरोजाबाद—में एक बड़ा वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। यहाँ 600 से अधिक पेंशनर्स ऐसे मिले हैं जिनकी मृत्यु होने के बाद भी उनके परिजन चुपचाप सरकार से पेंशन लेते रहे। परिजनों ने पेंशनर्स की मृत्यु की सूचना कोषागार से छिपाई, जिसके चलते इन मृतक पेंशनर्स के खातों में ₹2.77 करोड़ रुपये की सरकारी धनराशि पहुँच गई।
जब कोषागार विभाग को सत्यापन के दौरान इस सच्चाई का पता चला, तो हड़कंप मच गया। विभाग ने अतिरिक्त भुगतान की गई इस पेंशन को वसूलने की कार्रवाई शुरू की और परिजनों को वसूली नोटिस भेजे गए।
सरकारी पैसे को खर्च कर चुके परिजन इस कार्रवाई से टेंशन में आ गए। कार्रवाई से बचने के लिए कई लोग हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए कोषागार पहुँचे। इस सख्ती के चलते अब तक ₹2.42 करोड़ रुपये की धनराशि वापस कोषागार में जमा कराई जा चुकी है।
लाखों की बकाया राशि, अब कुर्की और गिरफ्तारी की चेतावनी
हालांकि, मंडल के चारों जिलों में अभी भी करीब ₹35 लाख रुपये की राशि इन मृतक पेंशनर्स के परिजनों पर बकाया है। कोषागार विभाग ने अब इस बकाया राशि की वसूली के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
मुख्य कोषाधिकारी रीता सचान ने बताया कि:
- रिकवरी सर्टिफिकेट (RC) नोटिस चस्पा किए जा रहे हैं।
- जिन बैंकों में पेंशन जमा होती थी, उनके प्रबंधकों को भी नोटिस भेजे जा रहे हैं।
- जिन परिजनों या नॉमिनी ने रकम निकालकर खर्च कर दी, अब उनके घर पर दस्तक दी जा रही है।
- परिजनों को गिरफ्तारी और संपत्ति नाम (कुर्क) कर सरकारी धनराशि की वसूली के लिए चेताया जा रहा है।
आगरा जिले की स्थिति:
- आगरा में 200 से अधिक पेंशनर्स ऐसे मिले जिनकी मृत्यु के बाद सूचना नहीं दी गई।
- अकेले आगरा में ₹95.21 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान हुआ।
- जिसमें से ₹83.65 लाख की वसूली कर ली गई है।
- आगरा में अभी भी ₹11.55 लाख रुपये बकाया हैं।
ऐसे होती रही धोखाधड़ी
नियमों के अनुसार, पेंशनर्स को साल में एक बार अपना जीवित प्रमाण पत्र देना होता है, जिसके बाद उन्हें 12 महीने की पेंशन मिलती रहती है। लेकिन, यदि इस अवधि के बीच पेंशनर्स की मृत्यु हो जाए, तो परिवार को तत्काल कोषागार को सूचित करना होता है।
मृत्यु की सूचना नहीं देने पर, पेंशन की रकम पेंशनर्स के खाते में जमा होती रहती है। आगरा के कई मामलों में मृतक के खाते में तीन महीने से लेकर छह महीने तक पेंशन पहुँचती रही। कोषागार में सत्यापन कराने के बाद ही इन मृत्यु की पहचान हुई और सच्चाई सामने आई। मुख्य कोषाधिकारी रीता सचान ने कहा कि कई पेंशनर्स के परिजन ने रकम निकाल ली, जिनसे वसूली के लिए अब आरसी भेजनी पड़ रही है।
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