Agra News आवास विकास के निवासी और हाल ही में रिटायर्ड प्रिंसिपल डॉ. प्रकाश चंद्र गुप्ता को समाजवादी पार्टी ने आगरा-अलीगढ़ खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से शिक्षक एमएलसी का उम्मीदवार घोषित किया है। डॉ. गुप्ता का स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से करीबी जुड़ाव रहा है, जिसे पार्टी वैचारिक विरासत के तौर पर देख रही है। सपा ने उन्हें मैदान में उतारकर ‘पीडीए’ रणनीति के साथ वैश्य समाज को साधने की कोशिश की है, जिससे शिक्षक समुदाय के बीच अपनी पैठ को 2026 के चुनाव के लिए अभी से मजबूत किया जा सके।
2026 के लिए सपा की अग्रिम चुनावी तैयारी: ‘एकजुट मत’ का संयोजन
उत्तर प्रदेश की राजनीति में विधान परिषद के शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों का महत्व बढ़ रहा है। हालाँकि, आगरा-अलीगढ़ खंड शिक्षक एमएलसी चुनाव अभी 2026 में होने हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी ने अपनी तैयारियों को ‘मिशन 2026’ के तहत अभी से ही गति दे दी है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा की रणनीति ‘पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक)’ के आधार को मजबूत करते हुए अन्य प्रभावशाली समाजों का ‘एकजुट मत’ हासिल करने की है।
डॉ. प्रकाश चंद्र गुप्ता की उम्मीदवारी इसी ‘एकजुट मत’ की रणनीति का हिस्सा है। एक तरफ जहाँ उनका लंबा शिक्षण अनुभव उन्हें शिक्षक समुदाय में विश्वसनीय बनाता है, वहीं दूसरी ओर वैश्य समाज से संबंध होने के कारण पार्टी इस महत्वपूर्ण व्यापारी वर्ग का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। सपा का मानना है कि शिक्षक वर्ग के साथ-साथ वैश्य समाज का समर्थन इस सीट पर जीत का परचम लहराने में सहायक होगा और यह आगामी बड़े चुनावों के लिए एक सकारात्मक संकेत देगा। यह कदम साफ करता है कि सपा अब चुनाव के छह महीने पहले नहीं, बल्कि दो साल पहले ही ज़मीनी तैयारी में जुट गई है।

शिक्षण और सेवा की लंबी पारी: मथुरा से जुड़ाव
डॉ. प्रकाश चंद्र गुप्ता का शैक्षिक और पेशेवर अनुभव उनकी उम्मीदवारी का मुख्य आधार है। उनका पूरा सेवाकाल मथुरा जिले में ही बीता, जिसने उन्हें आगरा-अलीगढ़ खंड के व्यापक शैक्षिक परिदृश्य से जोड़ा।
- शैक्षणिक पृष्ठभूमि: मूल रूप से कासगंज के गंजडुंडवारा से आने वाले डॉ. गुप्ता ने गंजडुंडवारा से एमएससी की डिग्री प्राप्त की और आगरा विश्वविद्यालय से 1994 में पीएचडी की उपाधि हासिल की। शिक्षा और शोध के प्रति उनका समर्पण उन्हें शिक्षक वर्ग के लिए एक मजबूत प्रतिनिधि बनाता है।
- प्रोफेशनल करियर: उन्होंने 1997 में मथुरा के फरह, परखम और जुड़वई स्थित राजकीय कॉलेजों में कैमिस्ट्री शिक्षक (Chemistry Teacher) के रूप में अपनी सेवाएँ शुरू कीं। वे इसी साल 31 मार्च 2025 को प्रिंसिपल पद से सेवानिवृत्त हुए। शिक्षण और प्रशासनिक क्षेत्र में लगभग तीन दशक का उनका अनुभव उन्हें क्षेत्र के शिक्षकों की समस्याओं और मांगों की गहरी समझ प्रदान करता है।
मुलायम सिंह यादव से करीबी: वैचारिक विरासत पर भरोसा
डॉ. गुप्ता भले ही सरकारी सेवा में रहते हुए राजनीतिक गतिविधियों से औपचारिक रूप से दूर रहे, लेकिन उनका समाजवादी विचारधारा से गहरा भावनात्मक जुड़ाव रहा है।
उन्होंने बताया कि पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह सोलंकी उनके राजनीतिक गुरु रहे, जिनके माध्यम से उनकी मुलाकात सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (‘नेताजी’) से हुई। इसके बाद से ही उनका संपर्क लगातार बना रहा। डॉ. गुप्ता ने कहा, “नेताजी के विचारों से मैं हमेशा प्रभावित रहा हूं।” अब जब अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है, तो वह इसे एक वैचारिक विरासत को आगे बढ़ाने का अवसर मानते हैं।
प्रत्याशी घोषित होने के बाद सपा नेताओं ने डॉ. प्रकाश चंद्र गुप्ता के आवास पर पहुँचकर उनका स्वागत किया। इस मौके पर डॉ. गुप्ता ने अपनी जीत के लिए पूरी मेहनत करने का संकल्प दोहराया।
शिक्षक समाज पर खरा उतरने और जीत का संकल्प
सपा प्रत्याशी डॉ. प्रकाश चंद्र गुप्ता ने शिक्षक समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट की। उन्होंने कहा, “मैं शिक्षक समाज की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। पार्टी का झंडा और विचारधारा लेकर चलूंगा।“
डॉ. गुप्ता ने भरोसा जताया कि शिक्षक साथियों का साथ मिलने पर वह इस बार जीत का परचम जरूर लहराएंगे। उनकी उम्मीदवारी आगरा-अलीगढ़ खंड में शिक्षक एमएलसी चुनाव के लिए राजनीतिक माहौल को गरमा चुकी है और आने वाले दिनों में यह क्षेत्र राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बन सकता है। सपा द्वारा इतनी जल्दी प्रत्याशी घोषित करने से यह साफ है कि पार्टी इस सीट को बेहद गंभीरता से ले रही है।
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