Agra News: मुनिश्री सौम्यसागर जी महाराज ससंघ ने किया ताजमहल का अवलोकन

Agra News 23 अक्टूबर को मुनिश्री सौम्यसागर जी एवं निश्चलसागर जी महाराज ससंघ ने ताजमहल का अवलोकन किया। बाद में मुनिश्री ने शाहजहाँ और जैन धर्म के संबंध पर प्रवचन दिया।

23 अक्टूबर की सुनहरी सुबह, आगरा में अध्यात्म और इतिहास का एक अद्भुत संगम देखने को मिला। जब सूरज की पहली किरणें ताजमहल की श्वेत संगमरमरी दीवारों पर चमक बिखेर रही थीं, ठीक उसी समय वंदनीय मुनिश्री सौम्यसागर जी महाराज एवं मुनिश्री निश्चलसागर जी महाराज ससंघ अपने भक्तों सहित इस विश्व प्रसिद्ध धरोहर का अवलोकन करने पहुँचे। मुनिवरों के आगमन से इस ऐतिहासिक स्थल पर एक नई आध्यात्मिक आभा का संचार हो गया।

समाज के प्रबुद्धजनों और बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति में मुनिवर ने ताजमहल की अद्भुत सुंदरता को निहारा और उसके ऐतिहासिक तथ्यों को बड़ी गहराई से जानने का प्रयास किया।

मुनिश्री ने ताजमहल से संबंधित समस्त जानकारियों को एक विशेष गाइड के माध्यम से अत्यंत ध्यानपूर्वक सुना और इस अद्वितीय स्थापत्य कला के हर पहलू का सूक्ष्मता से अध्ययन किया। अवलोकन के दौरान, मुनिश्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति और इतिहास के अनेक आयाम इस स्मारक से जुड़े हैं, जो हमारे गौरवशाली अतीत की एक अमिट झलक प्रस्तुत करते हैं।

ताजगंज जैन मंदिर में मंगल प्रवचन: शाहजहाँ और जैन धर्म का सहिष्णुता

अवलोकन के पश्चात, मुनिवर ससंघ सीधे ताजगंज स्थित जैन मंदिर पहुँचे। यहाँ पहले से ही बड़ी संख्या में उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने उनकी मंगल वाणी का लाभ लिया।

अपने उद्बोधन में मुनिश्री ने ताजमहल के ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ मुगल सम्राट शाहजहाँ और जैन धर्म के बीच के दुर्लभ संबंध का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “इतिहास में ऐसे तथ्य मिलते हैं जो बताते हैं कि मुगल सम्राट शाहजहाँ को जैन धर्म में विशेष रुचि थी।” मुनिश्री ने इस बात पर जोर दिया कि शाहजहाँ के दरबार के नौ रत्नों में पंडित बनारसी दास जी जैसे जैन विद्वान भी सम्मिलित थे, जिनका सम्राट बहुत सम्मान करते थे।

मुनिश्री ने पंडित बनारसी दास जी से जुड़ी एक रोचक घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि शाहजहाँ ने पंडित जी से कहा था कि भगवान को ऐसे विराजमान करना कि उनकी सीधी दृष्टि ताजमहल की गुम्बद पर रहे। यह निर्देश सम्राट की जैन धर्म के प्रति सहिष्णुता और सम्मान को दर्शाता है।

मुनिश्री ने इस बात पर भी गहन आश्चर्य व्यक्त किया कि, “ताजमहल की इतनी निकटता में स्थित होने के बावजूद ताजगंज का जैन मंदिर मुगलों द्वारा कभी भी जीर्ण-शीर्ण नहीं किया गया।” उन्होंने कहा कि यह तथ्य इस बात का ठोस प्रमाण है कि उस युग में भी धार्मिक सहिष्णुता (Religious Tolerance) और पारस्परिक सम्मान की भावना गहराई तक विद्यमान थी।

मुनिश्री के इस अवलोकन और उनके प्रवचन ने उपस्थित जनों में अध्यात्मिकता और इतिहास दोनों के प्रति एक नई जिज्ञासा और गर्व की भावना उत्पन्न की। भक्तों ने मुनिवरों से आशीर्वाद प्राप्त किया और इस ऐतिहासिक दिवस को अपने जीवन का अविस्मरणीय क्षण बताया।

इस मौके पर उपस्थित रहे प्रमुख गणमान्य लोग:

नीरज जैन (जिनवाणी चैनल), नीरज जैन, विजय जैन, योगेश जैन, संजय जैन, मनोज जैन बल्लो, दीपक जैन, अभिषेक जैन, मोनू जैन, मीडिया प्रभारी शुभम जैन सहित समस्त ताजगंज जैन समाज के लोग इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने।

Agra News श्री दिगम्बर जैन लोकोदय तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के भूमि पूजन की तैयारी बैठक सम्पन्न

Abhimanyu Singh

Related Posts

Agra News: शादी की खुशियां मातम में बदली, बारात में मारपीट से 1 की मौत; दूल्हा लापता

   Agra News सीता नगर से अलीगढ़ के अतरौली गई बारात में दूल्हा-दुल्हन पक्ष में मारपीट हुई, जिसमें दूल्हे के चचेरे भाई विनय की मौत हो गई और 12 से…

Agra Metro Security: दिल्ली ब्लास्ट के बाद आगरा मेट्रो स्टेशन पर एंटी-टेरर मॉक ड्रिल; सुरक्षा का कड़ा इम्तिहान

   Agra Metro Security दिल्ली ब्लास्ट के बाद देशभर में हाई अलर्ट के बीच आगरा मेट्रो स्टेशन पर एंटी-टेरर मॉक ड्रिल आयोजित हुई। कैप्टन ने संदिग्ध आतंकी की भूमिका निभाई।…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights