Agra News रामरघु एग्जॉटिका स्थित घर में 2 साल पहले हुई बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय की हत्या के मामले में बुधवार को न्यायालय का बड़ा फैसला आया है। अपर जिला जज सत्यव्रत नितिन कुमार ठाकुर की अदालत ने सचिन की पत्नी मोना उर्फ प्रियंका और साले कृष्णा रावत को हत्या (IPC धारा 302) का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई है।
वहीं, तीसरे दोषी और कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेंद्र रावत को साक्ष्य नष्ट करने (IPC धारा 201) के आरोप में 7 साल के सश्रम कारावास की सजा मिली है। फैसला सुनाए जाने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों दोषियों को जेल में दाखिल करा दिया गया।
हत्याकांड की पूरी कहानी: पारिवारिक विवाद से खूनी साजिश तक
आगरा के मनसुखपुरा थाना क्षेत्र के टिकैतपुर निवासी सचिन उपाध्याय बैंक ऑफ इंडिया की शमशाबाद शाखा के मैनेजर थे। उनकी शादी 2015 में कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के रसूखदार अध्यक्ष बृजेंद्र रावत की बेटी मोना उर्फ प्रियंका से हुई थी।
1. उत्पीड़न और कलह: सचिन के पिता केशव देव शर्मा ने कोर्ट में बताया कि शादी के कुछ दिन बाद ही प्रियंका ने रंग दिखाने शुरू कर दिए। वह सचिन पर परिवार से अलग रहने का दबाव बनाती थी और मामूली बातों पर मारपीट करती थी। सचिन गुजरात से आगरा स्थानांतरित होकर आए और 2020 में शमशाबाद रोड स्थित रामरघु एग्जॉटिका में मकान लिया था।
2. पेट्रोल पंप की अर्जी बनी झगड़े की जड़: सितंबर 2023 में जब सचिन ने छोटे भाई गौरव उपाध्याय के नाम पर पेट्रोल पंप का आवेदन किया, तो प्रियंका ने इसका विरोध करते हुए घर में क्लेश करना शुरू कर दिया।
3. हत्या की साजिश और यातना: 11 अक्टूबर 2023 को सचिन गांव से परिवार से मिलकर घर आए। आरोप है कि 12 अक्टूबर को पत्नी प्रियंका ने भाई कृष्णा और पिता बृजेंद्र रावत को बुला लिया। तीनों ने मिलकर सचिन को घर में बंद करके बेरहमी से पीटा। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि सचिन को गर्म प्रेस से दागा गया, डंडों से प्राइवेट पार्ट पर हमले किए गए और अंत में गला घोंटकर हत्या कर दी गई।
टाइमलाइन और साक्ष्य जिसने झूठ को बेनकाब किया
| तारीख | घटना का विवरण |
| 12 अक्टूबर 2023 | शाम को बृजेंद्र रावत ने सचिन के पिता को आत्महत्या की सूचना दी। |
| 13 अक्टूबर 2023 | परिवार की मांग पर तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमॉर्टम कराया गया। रिपोर्ट में 6 चोटों और गला घोंटने से हत्या की पुष्टि हुई। |
| 18 अक्टूबर 2023 | सचिन के पिता की तहरीर पर ताजगंज थाने में प्रियंका, कृष्णा और बृजेंद्र रावत के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज। |
| 20 अक्टूबर 2023 | कृष्णा रावत गिरफ्तार। |
| 29 अक्टूबर 2023 | फरार चल रहे बृजेंद्र रावत और प्रियंका को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया। |
| जनवरी 2024 | ताजगंज पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। |
| 14 अगस्त 2025 | न्यायालय ने तीनों को दोषी करार दिया। |
| 15 अक्टूबर 2025 | सजा का ऐलान। |
कोर्ट में पेश किए गए मजबूत साक्ष्य जिसने बचाव पक्ष की साजिश को दम तोड़ दिया:
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट: शरीर पर गर्म प्रेस से जलने के निशान सहित कुल छह चोटों की पुष्टि।
- कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन: घटना वाले दिन प्रियंका और कृष्णा की लोकेशन सचिन के मकान में मिली और दोनों के बीच कई बार बातचीत हुई थी।
- अन्य भौतिक साक्ष्य: हत्या के बाद गायब सचिन का मोबाइल और कार की चाबी कृष्णा की निशानदेही पर बरामद की गई।
फैसला: आजीवन कारावास और 7 साल की कैद
न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर निम्न सजा सुनाई है:
- प्रियंका उर्फ मोना (पत्नी) और कृष्णा रावत (साला): आजीवन कारावास।
- बृजेंद्र रावत (ससुर और बार अध्यक्ष): 7 साल का सश्रम कारावास।
रसूखदार वकील बृजेंद्र रावत की पैंतरेबाजी फेल: दो दशकों से कलेक्ट्रेट बार के अध्यक्ष पद पर काबिज़ रहे बृजेंद्र रावत ने दामाद की हत्या को आत्महत्या साबित करने के लिए हर संभव कोशिश की। हत्या के बाद दामाद के परिवार पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज कराया था। लेकिन, कोर्ट में बचे हुए साक्ष्यों ने उनकी साजिश को दम तोड़ दिया।
पिता बोले: फांसी की सजा के लिए हाईकोर्ट जाएंगे
सचिन उपाध्याय के पिता केशव देव शर्मा ने बेटे को न्याय दिलाने के लिए खुद अपनी जान की परवाह किए बिना पैरवी की थी। वकील अवधेश शर्मा ने उनका केस लड़ा। सजा घोषित होने के बाद केशव देव शर्मा ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए शीर्ष कोर्ट में अपील करने की घोषणा की है और कहा कि हत्यारों को फांसी दिलाना ही उनके जीवन का उद्देश्य है।


































































































