एस.एन. मेडिकल कॉलेज में दुर्लभ हर्निया का सफल लैप्रोस्कोपिक ऑपरेशन, मरीज तीन दिन में डिस्चार्ज

आगरा, बुधवार, 16 जुलाई, 2025, 20:55 बजे

आगरा स्थित एस.एन. मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कॉलेज के सर्जरी विभाग की विशेषज्ञ टीम ने 68 वर्षीय मरीज गणेशी का दुर्वीन विधि (लैप्रोस्कोपिक तकनीक) से दोनों ओर का इंगुइनल हर्निया का सफल ऑपरेशन किया है। इस जटिल शल्यक्रिया को वरिष्ठ सर्जन प्रो. जे.पी.एस. शाक्य के नेतृत्व में अंजाम दिया गया, जिसके बाद मरीज को मात्र तीन दिनों में पूरी तरह स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी मिल गई।


भारी वजन उठाने से हुई थी हर्निया की शिकायत

मरीज गणेशी, जो पिछले कई वर्षों से पेठे के कारखाने में भारी वजन उठाने का काम करते थे, पिछले तीन महीनों से दोनों ओर ग्रोइन (वृक्क क्षेत्र) में सूजन की शिकायत के साथ एस.एन. मेडिकल कॉलेज की जनरल सर्जरी ओपीडी में आए थे। प्रो. जे.पी.एस. शाक्य ने बताया कि अत्यधिक भारी वजन उठाने के कारण ही उन्हें दोनों ओर इंगुइनल हर्निया की समस्या हो गई थी।


लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: कम दर्द, तेज़ रिकवरी का विकल्प

प्रो. जे.पी.एस. शाक्य ने दुर्वीन विधि (लैप्रोस्कोपिक सर्जरी) के फायदों पर प्रकाश डालते हुए जानकारी दी कि इसमें न्यूनतम दर्द, कम रक्तस्राव और बहुत तेज़ रिकवरी होती है। इस तकनीक में कोई लंबा चीरा या टांके नहीं लगते, जिससे मरीज शीघ्र ही अपने सामान्य जीवन में लौट सकता है।

उन्होंने हर्निया सर्जरी के दो प्रमुख तरीकों – ओपन और लैप्रोस्कोपिक – के बीच का अंतर भी समझाया। ओपन सर्जरी में बड़ा चीरा लगाकर हर्निया को ठीक किया जाता है, जिसमें मरीज को 4-5 महीने तक ठीक होने में लग सकते हैं और इस दौरान भारी काम व सामान्य जीवन से परहेज़ करना पड़ता है। वहीं, लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में छोटे चीरे लगते हैं, दर्द और संक्रमण का खतरा कम होता है, और मरीज मात्र 4-5 दिनों में ही अपने काम पर लौट सकता है। यह तकनीक सुरक्षित, कम इनवेसिव (गैर-आक्रामक) और तेजी से ठीक होने वाली मानी जाती है।


ऑपरेशन में विशेषज्ञ टीम का योगदान

इस महत्वपूर्ण और सफल ऑपरेशन में प्रो. जे.पी.एस. शाक्य की सर्जरी टीम में डॉ. फराज खान (सीनियर रेजिडेंट), डॉ. चंद्रजीत (जूनियर रेजिडेंट-3), डॉ. शिव कुमार (जूनियर रेजिडेंट-3), डॉ. संत बहादुर यादव (जूनियर रेजिडेंट-2), डॉ. प्रियंवदा और डॉ. नमन (जूनियर रेसिडेंट-1) ने सक्रिय भूमिका निभाई।

इसके अतिरिक्त, एस.एन. मेडिकल कॉलेज की एनेस्थीसिया टीम, जिसमें डॉ. सुप्रिया, डॉ. अनुभव (जूनियर रेज़िडेंट-3), डॉ. अभिषेक (जूनियर रेज़िडेंट-2) और डॉ. कीर्ति (जूनियर रेज़िडेंट-1) शामिल थे, की तत्परता और दक्षता ने भी इस शल्यक्रिया को पूर्णतः सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रो. डॉ. जे.पी.एस. शाक्य प्रत्येक शनिवार को जनरल सर्जरी ओपीडी संख्या-3 में मरीजों को परामर्श देते हैं।


प्रधानाचार्य ने सराही उपलब्धि, गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का आश्वासन

एस.एन. मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर प्रशांत गुप्ता ने सर्जरी और एनेस्थीसिया टीम की इस उल्लेखनीय उपलब्धि की सराहना की है। उन्होंने विश्वास जताया कि संस्थान भविष्य में भी अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से आम जनमानस को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करता रहेगा। सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत लावानिया का भी इस सफलता में महत्वपूर्ण सहयोग रहा।

प्रधानाचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों द्वारा अब जटिल से जटिल ऑपरेशंस किए जा रहे हैं, जिससे आगरा और आसपास के क्षेत्रों के मरीज अत्यधिक लाभान्वित हो रहे हैं।

Pawan Singh

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