श्रमायुक्त कार्यालय से पत्रकारों का उत्पीड़न, मजीठिया वेज बोर्ड के मामलों में लापरवाही

ताज प्रेस क्लब ने उपश्रमायुक्त को सौंपा ज्ञापन; 10 साल से लंबित वादों पर त्वरित कार्रवाई की मांग

आगरा, 9 अगस्त 2025

आगरा: पत्रकारों के संगठन ताज प्रेस क्लब ने मजीठिया वेज बोर्ड से संबंधित वादों के निपटारे में हो रही लापरवाही पर कड़ा रोष व्यक्त किया है। पत्रकारों का आरोप है कि श्रम आयुक्त कार्यालय की उदासीनता के कारण कई मामले पिछले 10 वर्षों से लंबित हैं। क्लब के अध्यक्ष सुनयन शर्मा ने कहा है कि श्रम विभाग की हठधर्मिता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सुनयन शर्मा
लंबित मामलों का कारण और मांग

सुनयन शर्मा के अनुसार, ज्यादातर मामले इसलिए अटके हुए हैं क्योंकि उन साक्ष्यों को प्रस्तुत नहीं किया जा सका है जो या तो श्रम विभाग के पास हैं या फिर समाचार पत्र प्रकाशकों के पास। इस संबंध में, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन और श्रमजीवी पत्रकार संगठन के प्रतिनिधियों ने उपश्रमायुक्त, आगरा को दो ज्ञापन सौंपे हैं।

पहले ज्ञापन में मांग की गई है कि:

  • पीठासीन अधिकारियों और श्रम विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों के समक्ष लंबित वादों का तेजी से निस्तारण किया जाए।
  • वादकारी पत्रकारों को साक्ष्य उपलब्ध कराए जाएं।

दूसरे ज्ञापन में उन साक्ष्यों को उपलब्ध कराने की मांग की गई है, जो श्रम आयुक्त और उनके अधीनस्थ अधिकारियों के नियंत्रण में हैं। इसमें 2011 से अब तक जारी हुए शासनादेश, सर्कुलर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश और शासन की त्रिपक्षीय कमेटी के मीटिंग मिनट्स शामिल हैं।

वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट के तहत अधिकार

पत्रकारों ने श्रम आयुक्त से अनुरोध किया है कि वे उत्तर प्रदेश से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों के प्रकाशक प्रतिष्ठानों की मजीठिया वेज बोर्ड के मानकों के अनुसार श्रेणी निर्धारित कर, उसे श्रम आयुक्त के पोर्टल पर अपलोड करवाएं। पत्रकारों का कहना है कि श्रम विभाग में कार्यरत निरीक्षक वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट, 1955 की धारा 17A और उसकी उप-धारा 2 के तहत व्यापक अधिकार रखते हैं, लेकिन फिर भी इस मामले में लापरवाही बरती जा रही है।

मणिसाना वेज बोर्ड की सिफारिशों पर उदासीनता

पत्रकारों ने यह भी बताया कि श्रम आयुक्त मजीठिया वेज बोर्ड की तरह ही मणिसाना वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू कराने के लिए भी नोडल निकाय हैं। श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा 2020 में मणिसाना वेज बोर्ड की सिफारिशों को पुनः जारी किए जाने के बावजूद, उत्तर प्रदेश श्रम विभाग और श्रमायुक्त ने इसे लागू कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।

आंदोलन की चेतावनी

दैनिक जागरण के पूर्व वरिष्ठ पत्रकार और क्लब अध्यक्ष सुनयन शर्मा ने कहा कि ज्ञापन की एक प्रति प्रदेश के श्रमायुक्त और मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू कराने के लिए बनी त्रिस्तरीय कमेटी को भी भेजी जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 10-10 साल से विचाराधीन मामलों का निपटारा नहीं होता है, तो पत्रकार चुप नहीं बैठेंगे और श्रमायुक्त कार्यालय की लापरवाही को उजागर करने के लिए आंदोलन करेंगे।

यतीश लवानिया

इस दौरान, प्रेस क्लब के सचिव यतीश लवानिया, पूर्व अध्यक्ष राजीव सक्सेना, कुलदीप त्यागी, असलम सलीमी, अनिल सारस्वत सहित कई पत्रकार मौजूद थे।

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