
आगरा। आगरा में मंगलवार को आईटीसी मुगल होटल में चैम्बर ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (CFPIA) द्वारा एक भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका मुख्य विषय था ‘एसएमई आईपीओ के माध्यम से विकास को प्रोत्साहित करना एवं इक्विटी मूल्यांकन को अनलॉक करना’। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने लघु एवं मध्यम उद्यमियों को एसएमई आईपीओ (Small and Medium Enterprises IPO) के महत्व और प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी।
एसएमई आईपीओ से विदेशी निवेश और वैश्विक पहचान
मुख्य वक्ता नीता प्रसाद ने बताया कि कोई भी उद्योग जो लगातार तीन वर्षों से सफलतापूर्वक चल रहा है और जिसकी आय एक करोड़ रुपये या उससे अधिक है, वह अपना एसएमई आईपीओ ला सकता है। उन्होंने कहा कि इससे उद्यमी बैंक ऋण और ब्याज के बोझ से मुक्त होकर अपनी कंपनी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिला सकते हैं। नीता प्रसाद ने यह भी बताया कि आईपीओ के जरिए विदेशी निवेशक और बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी निवेश के लिए आकर्षित होती हैं, जो व्यवसाय के लिए बेहद फायदेमंद है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार भगत ने एसएमई आईपीओ को उद्योग जगत की रीढ़ बताया और कहा कि आने वाले समय में इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण होगी। महासचिव अनुज सिंघल ने उद्यमियों से इस अवसर का लाभ उठाने और आर्थिक रूप से सशक्त बनने का आह्वान किया। मुख्य सलाहकार मनीष अग्रवाल ‘रावी’ ने कहा कि आईपीओ सिर्फ पूंजी जुटाने का माध्यम नहीं, बल्कि कंपनी के ब्रांड मूल्य और विश्वसनीयता को बढ़ाने का जरिया भी है।
फूड एक्सपो की समीक्षा और आगरा में लैब की मांग
संगोष्ठी के बाद हुई कार्यकारिणी बैठक में जून 2025 में हुए पहले फूड एक्सपो की समीक्षा की गई और वर्ष 2026 के लिए फूड एक्सपो की योजना पर चर्चा हुई। सचिव विकास चतुर्वेदी ने सरकार से आग्रह किया कि आगरा में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विस्तार के लिए विशेष योजनाएं और अनुदान दिए जाएं। मुख्य कार्यकारी सदस्य राजेश गोयल ‘माना’ ने कहा कि भारतीय खाद्य उत्पादों की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही है, इसलिए पैकेजिंग और गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी है और इसके लिए फूड टेस्टिंग लैब का निर्माण आवश्यक है।
कार्यक्रम का समापन उपाध्यक्ष आशीष गर्ग के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर आगरा के कई प्रमुख उद्यमी और व्यवसायी उपस्थित थे।