Agra News आगरा के खंदौली में बाइक की टक्कर के बाद हुए विवाद में शाम 8 बजे बदमाशों ने सैमरा रोड पर कई राउंड फायरिंग की। दो युवक बाल-बाल बचे। मुख्य आरोपी देवा चौहान, जिस पर कई आपराधिक केस हैं, की तलाश जारी।
आगरा के खंदौली इलाके के सैमरा रोड पर बुधवार शाम उस समय हड़कंप मच गया, जब बाइक सवार बदमाशों ने खुलेआम अंधाधुंध फायरिंग की। यह घटना एक मामूली विवाद के भयानक रूप लेने का परिणाम थी। हालांकि इस जानलेवा हमले में दो लोग बाल-बाल बच गए, लेकिन इस वारदात के बाद पूरे इलाके में भय और तनाव का माहौल व्याप्त हो गया है। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
विवाद की शुरुआत: पेट्रोल पंप पर कहासुनी
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, विवाद की शुरुआत शाम करीब पांच बजे हुई। रामनगर निवासी जितेंद्र वामन एक पेट्रोल पंप पर आया था। इसी दौरान, उसकी बाइक की टक्कर देवा चौहान की बाइक से हो गई। बाइक की टक्कर के बाद दोनों युवकों के बीच तीखी कहासुनी शुरू हो गई, जो जल्द ही हाथापाई और मारपीट में बदल गई। मौके पर मौजूद कुछ राहगीरों और अन्य लोगों के हस्तक्षेप के कारण उस समय मामला शांत हो गया था और दोनों पक्ष वहां से चले गए थे। किसी को यह अंदाजा नहीं था कि यह छोटा-सा विवाद तीन घंटे बाद इलाके को गोलीबारी से दहला देगा।
देर शाम हमला: अंधाधुंध फायरिंग से दहशत
शाम करीब आठ बजे, विवाद के मुख्य आरोपी देवा चौहान ने इस मामले को व्यक्तिगत रंजिश में बदल दिया। देवा चौहान अपने तीन अन्य साथियों के साथ दो बाइकों पर सवार होकर वापस सैमरा रोड पर लौटा। वहां पहुंचते ही उसने बिना किसी चेतावनी के कई राउंड अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
देवा चौहान का निशाना साफ तौर पर जितेंद्र वामन और उसके साथी थे। इस जानलेवा गोलीबारी में मौके पर मौजूद गुरा निवासी सौरभ और रामनगर निवासी विस्सू जैसे दो निर्दोष युवक बाल-बाल बच गए। गोलीबारी की आवाज सुनते ही कस्बे के लोग सहम गए और सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। खुलेआम हुई इस फायरिंग से स्थानीय लोगों में गहरा तनाव और दहशत का माहौल पैदा हो गया है, क्योंकि इस तरह की वारदातें इलाके की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती हैं।
मुख्य आरोपी का आपराधिक इतिहास और पिता का निलंबन
घटना की गंभीरता को देखते हुए खंदौली थाना पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है।
डीसीपी (DCP) अतुल शर्मा ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने पुष्टि की कि अंधाधुंध फायरिंग का मुख्य आरोपी वामन निवासी देवा चौहान पुत्र ओमवीर है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, देवा चौहान एक आदतन अपराधी है और उस पर पहले से ही लूट, रंगदारी (Extortion) और हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी देवा चौहान के पिता, ओमवीर, एक होमगार्ड हैं, जो वर्तमान में अपने कर्तव्यों में लापरवाही के कारण निलंबित चल रहे हैं। एक वर्दीधारी के बेटे पर इस तरह के गंभीर आरोप और उसका सरेआम फायरिंग करना पुलिस प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय है।
डीसीपी अतुल शर्मा ने टीम को सख्त निर्देश दिए हैं कि देवा और उसके साथियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए। पुलिस टीमें आरोपी के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही हैं ताकि उन्हें जल्द से जल्द कानून के शिकंजे में लाया जा सके और कस्बे के लोगों का डर खत्म हो सके। इस वारदात से यह स्पष्ट हो गया है कि मामूली विवादों में भी अपराधी हथियार का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकते, जो पुलिस के लिए शस्त्र नियंत्रण पर और सख्ती बरतने की आवश्यकता को दर्शाता है।
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