Agra News वैश्य समाज के विरोध और ऑडियो वायरल के बाद विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे रामेश्वर चौधरी बैकफुट पर आए। अनुराग अग्रवाल से मिलकर विवाद का समझौता किया।
Agra News आगरा में भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे रामेश्वर चौधरी और पेट्रोल पंप संचालक अनुराग अग्रवाल के बीच चल रहा हाई-प्रोफाइल विवाद वैश्य समाज के तीखे विरोध के बाद थम गया है। जातिगत टिप्पणी वाले ऑडियो वायरल प्रकरण में वैश्य समाज के लोगों के बीच आकर रामेश्वर चौधरी और अनुराग अग्रवाल ने समझौता होने का दावा किया है, हालांकि यह विवाद भाजपा और वैश्य समुदाय के बीच तनाव पैदा कर गया था।
घटनाक्रम: ऑडियो वायरल से शुरू हुआ विवाद
यह पूरा विवाद टैंकर में डीजल-पेट्रोल की मात्रा अधिक निकलने से शुरू हुआ था, जिसने बाद में जातिगत टिप्पणी के कारण राजनीतिक और सामुदायिक रूप ले लिया।
1. टैंकर विवाद और धमकी भरा कॉल
संजय प्लेस निवासी अनुराग अग्रवाल का अछनेरा के रायभा में पेट्रोल पंप है। 24 सितंबर की रात उनके पेट्रोल पंप पर मथुरा रिफाइनरी से डीजल और पेट्रोल लेकर एक टैंकर पहुँचा। रिकॉर्ड के अनुसार, टैंकर में 9 हजार लीटर डीजल और 3 हजार लीटर पेट्रोल होना चाहिए था। लेकिन चेकिंग के दौरान पंप के कर्मचारियों को मात्रा अधिक होने का अंदेशा हुआ, जिसके बाद इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन को सूचना दी गई। कॉर्पोरेशन की टीम ने जाँच की तो मात्रा अधिक होने की पुष्टि हुई।
टैंकर के पंप पर आने के दूसरे दिन ही फतेहपुर सीकरी के विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे रामेश्वर चौधरी ने अनुराग अग्रवाल को कॉल किया। रामेश्वर चौधरी ने अनुराग अग्रवाल पर गाड़ी खाली करवाने के लिए जबरदस्त दबाव बनाया। अनुराग अग्रवाल लगातार विनम्रता से कहते रहे कि वे पेट्रोलियम कंपनी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन बिना कंपनी की अनुमति के माल उतारने से बिल्कुल मना कर दिया।
2. जातिगत टिप्पणी और ऑडियो का वायरल होना
अनुराग अग्रवाल के इनकार के बाद विधायक के बेटे रामेश्वर चौधरी गुस्से में आ गए। उन्होंने फोन कॉल के दौरान जातिगत टिप्पणी शुरू कर दीं। रामेश्वर चौधरी का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इस वायरल ऑडियो में उन्होंने वैश्य समुदाय के लिए बहुत भद्दे-भद्दे शब्दों का प्रयोग किया। रामेश्वर चौधरी यहाँ तक कह रहे थे कि “मैं बनिया जाति को अच्छी तरह से जानता हूं। सबसे अधिक डिफॉल्टर बनिया ही होते हैं।” जाति पर की गई इस आपत्तिजनक टिप्पणी से वैश्य समाज में भारी आक्रोश फैल गया।
वैश्य समाज का मोर्चा और राजनीतिक चेतावनी
ऑडियो वायरल होने के बाद वैश्य समाज ने विधायक चौधरी बाबूलाल और उनके बेटे रामेश्वर चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वैश्य समाज ने तुरंत प्रेसवार्ता आयोजित कर विरोध दर्ज कराया।
खेरिया मोड़ के अग्रवाल समाज के महामंत्री अखिलेश अग्रवाल ने प्रेसवार्ता के दौरान आरोप लगाए कि विधायक के बेटे ने अनुराग अग्रवाल की ही नहीं, बल्कि पूरे वैश्य समाज की बेइज्जती की है, जो निंदनीय और अशोभनीय है।
अखिलेश अग्रवाल ने रामेश्वर चौधरी से सार्वजनिक माफी की मांग की और पुलिस-प्रशासन से इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने और विधायक व उनके बेटे पर कार्रवाई करने की मांग उठाई। वीरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि पेट्रोल पंप संचालक को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और जल्द ही महापंचायत बुलाई जाएगी।
वैश्य समाज के नेताओं ने रामेश्वर चौधरी की भाषा पर नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी कि अगर उनकी यही भाषा रही तो वैश्य समाज उनका हर चुनाव में विरोध करेगा, जिससे विधायक का दूर प्रधान का भी चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा।
बैकफुट पर आए रामेश्वर चौधरी और समझौता
वैश्य समाज के तीखे विरोध और राजनीतिक दबाव के बाद रामेश्वर चौधरी बैकफुट पर आ गए। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर वैश्य समाज के लिए कहे गए अपशब्दों पर खेद प्रकट किया।
इसके बाद, बीएम हॉस्पीटल के स्वामी आलोक अग्रवाल की पहल पर समझौता कराने की प्रक्रिया शुरू हुई। रवि प्रकाश अग्रवाल, पूर्व चेयरमैन डॉ. अशोक अग्रवाल और समाज के अन्य प्रबुद्धजनों ने मिलकर रामेश्वर चौधरी और अनुराग अग्रवाल के बीच समझौता करा दिया।
रामेश्वर चौधरी ने पेट्रोल पंप संचालक अनुराग अग्रवाल तथा वैश्य समाज के अन्य लोगों के साथ फोटो और वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि ऑडियो वायरल प्रकरण में विवाद का समझौता करा दिया गया है। रामेश्वर चौधरी और अनुराग अग्रवाल दोनों ने संयुक्त रूप से यह दावा किया कि “हमारे बीच कोई विवाद न था और न है।” इस समझौते के साथ ही इस हाई-प्रोफाइल और विवादास्पद प्रकरण का अस्थायी पटाक्षेप हो गया है।
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